आक्रोश: फिट्जी ट्यूशन क्लास के खिलाफ सड़क पर उतरे बच्चे और अभिभावक, नियमित पढ़ाई नहीं
- अच्छे शिक्षक के चले जाने से हो रहा नुकसान
- क्लासेस ने तीन दिन की मांगी मोहलत
- सड़क जाम होने से पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर के "फिट्जी' ट्यूशन क्लॉसेस में छात्रों को जेईई के लिए ट्यूशन पढ़ाई जाती है, लेकिन बताया जा रहा है कि पिछले दो महीने से पेमेंट न मिलने से 10 से 12 शिक्षकों ने यहां की नौकरी छोड़ दी है। वहीं दूसरी ओर लाखों की फीस देने के बाद भी छात्रों को नियमित ट्यूशन से वंचित रहना पड़ रहा है। इसके विरोध में रविवार को दोपहर में लॉ कॉलेज चौक स्थित "फिट्जी' क्लास के सामने सैकड़ों की संख्या में अभिभावक व छात्र-छात्राओं ने जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। कुछ ही देर में भीड़ इतनी बढ़ गई कि सड़क जाम हो गया। मामले को सुलझाने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
अभिभावकों की बढ़ी चिंता
छात्रों को जेईई पढ़ाई के लिए अभिभावकों ने "फिट्जी' ट्यूशन क्लॉसेस में लाखों रुपए भरे हैं। एक अभिभावक ने बताया कि एक साल लिए करीबन डेढ़ लाख रुपए दिए जाते है। इतनी फीस देने के बाद भी अगर नियमित ट्यूशन नहीं मिलेगी तो छात्रों को नुकसान होने की संभावना है। एक अन्य अभिभावक ने बताया कि जनवरी 2025 में परीक्षा है, ऐसे में नियमित ट्यूशन नहीं पढ़ाई जाएगी तो छात्र परीक्षा कैसे देंगे? ऐसे कई सवालों को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ी है। अभिभावकों ने कहा कि कई बार शिकायत के बावजूद क्लॉसेस वालों ने ध्यान नहीं दिया, इसलिए आज हमें सड़क पर उतरना पड़ा।
अच्छे शिक्षक के चले जाने से हो रहा नुकसान
"फिट्जी' में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि कई अच्छे शिक्षक यहां से चले गये हैं। उनके स्थान पर कोई नए शिक्षक नहीं आए। इस वजह से पढ़ाई में काफी नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, शिक्षकाें की कमी से पिछले दो महीने से नियमित क्लाॅसेस भी नहीं हो रहे हैं। जनवरी 2025 में परीक्षा होने वाली है। ऐसे में सितंबर 2024 तक कोर्स पूरा होना चाहिए था। साथ ही सितंबर के बाद रिवीजन होना जरूरी है, लेकिन न कोर्स पूरा हो रहा है और न नियमित क्लासेस हो रहे हैं।
क्लासेस ने तीन दिन की मांगी मोहलत
"फिट्जी' ट्यूशन क्लॉसेस नागपुर ब्रांच के पदाधिकारियों इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि "फिट्जी' का हेड ऑफिस दिल्ली में है। वहीं से पिछले दो महीने से शिक्षकों को पेमेंट नहीं मिला है। नागपुर में करीबन 30 शिक्षक पढ़ाते है। फिलहाल 10 से 12 शिक्षक पढ़ाने के लिए नहीं आ रहे है। इसी वजह से यह समस्या आई है। आगामी 3 दिन में छात्रों के लिए नियमित क्लॉसेस शुरू किए जाएंगे।