नागपुर: भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल के आसार, विधानसभा चुनाव तैयारी ही होगा लक्ष्य
- मुनगंटीवार व बोंडे को मिल सकता है राष्ट्रीय स्तर पर स्थान
- प्रतिनिधित्व अधिक देने की तैयारी
- जिला व राज्य स्तर पर संगठन चुनाव
डिजिटल डेस्क, नागपुर. लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के पहले ही भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल की हलचल शुरू हो गई है। राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर नई कार्यकारिणी तय होगी। इस फेरबदल में चुनावों व राज्यों को ध्यान में रखते हुए कुछ नेताओं को संगठन में अधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। 6 जून से यह हलचल और भी अधिक बढ़ जाएगी। विदर्भ से सुधीर मुनगंटीवार, अनिल बोंडे सहित अन्य कुछ नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान मिल सकता है।
प्रतिनिधित्व अधिक देने की तैयारी
भाजपा सूत्र के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने महाराष्ट्र के कुछ भाजपा पदाधिकारियों की राजनीतिक क्षमता व संगठनात्मक कुशलता के बारे में जानकारी ली है। इनमें विदर्भ से भी 6 से अधिक नेताओं के नाम शामिल हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा व महानगरपालिकाओं के चुनाव इसी वर्ष होंगे। लिहाजा यहां संगठनात्मक प्रतिनिधित्व अधिक देने की तैयारी चल रही है।
जिला व राज्य स्तर पर संगठन चुनाव
उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का 3 वर्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया है। लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत उनके कार्यकाल को 30 जून तक के लिए बढ़ाया गया है। इसके लिए भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही जिला व राज्य स्तर पर संगठन चुनाव किए जाएंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। अगस्त में वे 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेंगे। संकेत मिल रहे हैं कि बावनकुले को राज्य में ही संगठन मामले की जिम्मेदारी दी जाएगी। सुधीर मुनगंटीवार भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। उनके संगठन कार्य कुशलता को देखते हुए उन्हें दूसरी बार भी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही थी। लेकिन प्रदेश भाजपा के एक वर्ग से कथित स्पर्धा के चलते उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला। उनके स्थान पर देवेंद्र फडणवीस को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद होगी समीक्षा
पिछले कुछ समय से प्रदेश की राजनीति में मुनगंटीवार का प्रभाव कम हो रहा है। फडणवीस सरकार के समय वे वित्तमंत्री थे। बाद में उनका विभाग बदलता गया। फिलहाल वे सांस्कृतिक व वन मामलों के मंत्री हैं। दावा किया जा रहा है कि मुनगंटीवार को केंद्र की राजनीति में ले जाने के लिए ही लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया था। उनके अलावा अमरावती से राज्यसभा सदस्य अनिल बोंडे भी भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान पा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रदेश में विभागीय स्तर पर संगठन कार्य की समीक्षा होगी। प्रदेश में संगठनात्मक फेरबदल में इस बार मराठवाड़ा को अधिक अधिक महत्व मिल सकता है।