बड़ा शिकंजा: व्यापारी को लगाया 1.86 करोड़ का चूना, मुंबई और गुजरात से दो महाठग गिरफ्तार

  • शराब दुकान सहित अन्य लाइसेंस दिलाने का दिया झांसा
  • मुंबई व गुजरात से दो ठग गिरफ्तार
  • व्यापारी को लगाया 1.86 करोड़ का चूना लगाया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-10 16:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महाठगों को मुंबई और गुजरात से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया। अदालत में पेश कर उन्हें छह दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपियों ने फर्जी रिकवरी ऑफिसर बनकर व्यापारी को विवादित संपत्ति और शराब दुकान सहित अन्य लाइसेंस दिलाने का झांसा देकर करीब पौने 1.86 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है। आरोपियों की महिला साथी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

खुद को कंपनी का रिकवरी ऑफिसर बताया

गिरफ्तार आरोपियों में घटना का सूत्रधार मुख्य आरोपी किशोरकुमार सुंदर लल्ला, मुंबई निवासी को गुजरात के अहमदाबाद शहर में जाल बिछाकर पकड़ा गया, जबकि उसका भाई उमेश सुंदर लल्ला को मुंबई के बोरिवली से गिरफ्तार किया गया। उनकी साथी शाहिन एजाज हुसैन, मुंबई निवासी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि, किशोरकुमार सिग्मा कंपनी में नौकरी करता है। उसने शिकायतकर्ता व्यापारी पदम घई, नागपुर निवासी को बताया था कि, वह संबंधित कंपनी में रिकवरी ऑफिसर है।

बैंकों द्वारा जब्त संपत्ति दिलाने का झांसा दिया

उसने व्यापारी को बताया कि, उसके कार्यक्षेत्र में नागपुर की करीब 10 से 12 बैंक आती हैं। बैंकों द्वारा जब्त की गई विवादित संपत्ति अदालत के आदेश पर नीलाम की जाती है, इसलिए डीटीआर कोर्ट में आए विवादित प्रकरणों की उसे जानकारी होती है। वह करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों के भाव में उसे उपलब्ध करा सकता है। इसके अलावा शराब दुकान, बियर बार व अन्य लाइसेंस भी उपलब्ध करवा सकता है। यह सुनकर झांसे में आए पदम ने 18 मई 2023 को आरोपियों को 1 करोड़ 86 लाख 56 हजार रुपए दिए, लेकिन अभी तक न ही उसे कोई विवादित संपत्ति दिलाई गई और न ही कोई लाइसेंस।

शिकायत दर्ज होने के बाद महिला साथी पकड़ी गई थी

ठगे जाने का एहसास होने की पदम ने आरोपियों के खिलाफ तहसील थाने में प्रकरण दर्ज कराया। मामला बड़ी रकम से जुड़ा होने के कारण क्राइम ब्रांच की आर्थिक विंग को इसकी जांच-पड़ताल सौंपी गई। प्रकरण में किशोरकुमार सहित अन्य आरोपी लिप्त होने से सबसे पहले शाहिन पुलिस के हाथ लगी। उससे मिली जानकारी पर किशोर को गिरफ्तार करने के लिए इंदौर, कोलकाता आदि शहरों में जाल बिछाया गया, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था।

दोनों आरोपी छह दिन की पुलिस रिमांड पर

जांच के दौरान आरोप अहमदाबाद में होने के बारे में पता चलने पर उसे वहां से गिरफ्तार किया गया और उमेश को मुंबई से। अदालत मंे पेश कर दोनों आरोपियों को छह दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उपायुक्त अर्चित चांडक के मार्गदर्शन में निरीक्षक पांडुरंग फाड़े, संतोष राठोड़, सुषमाकर जांभुलकर, राघोजी चिलगर, रोहित मटाले, प्रशांत भोयर और विलास इंगले ने कार्रवाई की।

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