नागपुर: बसपा विवाद - निष्कासित कार्यकर्ताओं के समर्थन में सामने आए जिला पदाधिकारी
- लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अनुशासनहीनता मामले में कार्रवाई का दावा
- संगठन की छवि खराब हो रही है
डिजिटल डेस्क, नागपुर. बसपा में स्थानीय स्तर पर विवाद कायम है। पार्टी से निष्कासित कार्यकर्ताओं के समर्थन में जिले के पदाधिकारी सामने आए हैं। निष्कासन कार्रवाई को अनुचित ठहराते हुए दावा किया है कि, लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अनुशासनहीनता मामले में कार्रवाई की जाएगी। तब ही साफ हो जाएगा कि, किसने पार्टी विरोधी कार्य किया है। शनिवार को बसपा के जिला प्रभारी राहुल सोनटक्के व जिला अध्यक्ष अध्यक्ष संदीप मेश्राम ने पत्रकार वार्ता लेकर निष्कासन प्रकरण पर जानकारी दी। निष्कासित कार्यकर्ता जीतेंद्र घोड़ेस्वार व रूपेश बागेश्वर भी उपस्थित थे।
आरोप लगाने वाले जवाब दें
मेश्राम ने कहा है कि संगठनात्मक कार्रवाई के मामले में भी अनुशासन है। प्रदेश के प्रभारी व अध्यक्ष की अनुमति के बिना किसी कार्यकर्ता को संगठन से निष्कासित नहीं किया जा सकता है। इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष परमेश्वर गोणारे से चर्चा की गई है। घोड़ेस्वार ने कहा है कि, उनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाने वाले जवाब दें कि, किस मामले में अनुशासन का पालन नहीं किया गया है। पार्टी उम्मीदवार के प्रचार के लिए पर्चे बांटने से लेकर मायावती की सभा को सफल बनाने में योगदान दिया गया है। इन कार्यों को अनुशासनहीनता तो नहीं कहा जा सकता है। सुनील डोंगरे,दादाराव उइके व पृथ्वी शेंडे ने अपनी पसंद से उम्मीदवार तय किए। उससे पहले कुछ कार्यकर्ता उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे। पार्टी में उम्मीदवारी मांगना अपराध है क्या?
संगठन की छवि खराब हो रही है
बागेश्वर ने कहा कि, निष्कासन संबंधी समाचार से संगठन की छवि खराब हो रही है। चुनाव के समय हम न तो किसी पार्टी पद पर थे न ही कोई संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ऐसे में हम पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाना कितना उचित है। पत्रकार वार्ता में जिला सचिव अभिलाश वाहने, पूर्व शहर अध्यक्ष शादाब खान उपस्थित थे।
प्रदेश प्रभारियों का मौन
इस मामले पर प्रदेश संगठन की ओर से स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। प्रदेश प्रभारी नितीनसिंह, रामजी गौतम, प्रदेश अध्यक्ष परमेश्वर गोणारे से इस मामले में स्पष्टीकरण देने का निवेदन स्थानीय पदाधिकारियों ने किया है।