नागपुर: बीएसएल फोर लैब को चाहिए दो माले की इमारत, नक्शे की मंजूरी के बाद होगा निर्माण

  • मध्य में होने से नागपुर को चुना
  • देश में बीएसएल वन, बीएसएल टू और बीएसएल थ्री मानक वाली लैब हैं
  • एनआईवी करेगा संचालन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-08 14:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. चार साल पहले शहर में देश की पहली बीएसएल (बायो सेफ्टी लेवल) फोर लैब के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई जो अब पूर्णता की ओर है। इस बीच बीते साल यहां पर दो मंजिला इमारत की आवश्यकता होने के कारण मानकों के अनुसार नई इमारत का नक्शा तैयार किया जा रहा है। यह नक्शा तैयार होने के बाद महानगरपालिका के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। नक्शा मंजूरी के बाद इमारत का निर्माण शुरू होगा। जून 2025 तक यह लैब देश को समर्पित की जाएगी। पहले इसकी अवधि जुलाई 2023 निश्चित की गई थी।

मध्य में होने से नागपुर को चुना

देश में बीएसएल वन, बीएसएल टू और बीएसएल थ्री मानक वाली लैब हैं। इनमें से बीएसएल थ्री एकमात्र लैब पुणे में है, जहां कोरोना समेत सभी तरह के सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग होती हैं। नागपुर में निर्मित लैब सर्वाधिक अत्याधुनिक होगी, जो बीएसएल फोर होगी। बायोसेफ्टी लेवल उस सावधानी या तैयारी को कहते हैं, जिसमें खतरनाक रोगाणुओं (वायरस और बैक्टीरिया) को प्रयोगशालाओं के अंदर रखा जाता है। देश के मध्य में होने से इस लैब के लिए नागपुर का चुना गया है। 95 करोड़ की योजना पर अक्टूबर 2020 से काम चल रहा है। कुल 20412 वर्गमीटर जमीन में से 6804 वर्ग मीटर जमीन पर लैब है।

उच्चस्तरीय बैठक में नए नक्शे पर चर्चा : भविष्य की जरूरत को देखते हुए दो माले की नई इमारत की आवश्यकता है। इसलिए नई इमारत का नया नक्शा तैयार किया जा रहा है। नक्शा तैयार होने के बाद विशेषज्ञ समिति द्वारा इसका अध्ययन किया जाएगा और फिर इसे महानगरपालिका की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हाल ही में पुणे में इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में लैब को लेकर अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि इस लैब के लिए संचालक की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने ही नई प्रस्तावित इमारत की जमीन पर पेड कटाई का पेंच सुलझा लिया गया है। बीते अगस्त महीने में संबंधित ठेका कंपनी को अवधि बढ़ाकर दी गई है। अब पूरा निर्माणकार्य जून 2025 तक पूरा करना है। आईसीएमआर ने यह प्रस्ताव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को दिया था। इसे मंजूरी मिलने के बाद से काम शुरू है।

एनआईवी करेगा संचालन

वर्तमान में पुणे में बीएसएल थ्री लैब है। नागपुर में निर्मित बीएसएल फोर मानक लैब में देशभर से आनेवाले विषाणुओं और उसके नए वेरिएंट की जांच के बाद की पुष्टि की जाती है। यहां नई-पुरानी संक्रामक बीमारियों के सैंपलों की जांच, बीमारियों का कारण आदि का पता लगाया जाता है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा लैब का संचालन किया जाएगा। लैब में बीमारियों के कारक बनने वाले विविध वायरसों की जांच की जाएगी। उपचार के लिए आवश्यक औषधि के निर्माण के लिए विविध प्रयोग किए जाएंगे। लैब में किसी भी वायरस की जांच और उसकी रिपोर्ट अत्याधुनिक पद्धति से तुरंत मिल सकेगी। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। लैब के चारों ओर वायरस प्रोटेक्शन एरिया तैयार किया जाएगा, ताकि कोई भी वायरस वहां से बाहर नहीं जा सकेगा। हवा से वायरस को फैलने से रोकने के लिए विशेष मशीनें होंगी। दुनिया में बायोसेफ्टी लेवल लैब की चार श्रेणियां हैं। इनमें बीएसएल वन, बीएसएल टू, बीएसएल थ्री और बीएसएल फाेर शामिल हैं।


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