सियासत: अजित पवार को बदनाम करना भाजपा का एजेंडा, अनिल देशमुख का बड़ा आरोप
- अनिल देशमुख ने भाजपा पर साधा निशाना
- अजित पवार को बदनाम करने का आरोप
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राकांपा शरद गुट के नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने आरोप लगाए हैं कि सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे के माध्यम से उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बदनाम किया जा रहा है। अजित पवार को बदनाम करना भाजपा का एजेंडा है। भ्रष्टाचार के मामले में क्लीन चिट पाने के लिए अजित पवार भाजपा गठबंधन में शामिल हुए। उनकी उपयोगिता समाप्त हो गई है।
शिखर बैंक घोटाले में अजित पवार को क्लीन चिट का अण्णा हजारे ने विरोध किया है। हजारे ने अजित के विरोध में न्यायालय में याचिका दाखिल की है। देशमुख ने कहा है कि 5 वर्ष से अण्णा कहीं नहीं दिख रहे थे। अस्वस्थता के कारण उन्होंने आंदोलन व अनशन बंद किया था। महायुति के कई मंत्रियों पर घोटाले के आरोप लगाए गए। विधानसभा में प्रश्न रखे गए, लेकिन अण्णा हजारे नहीं जागे।
महाविकास आघाड़ी एकजुट
उन्होंने कहा कि दो दल का विभाजन कराने के बाद भी भाजपा को लाभ नहीं मिला। अजित पवार को महायुति में शामिल करने को लेकर भाजपा में कई नेताओं ने विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में अजित पवार की राकांपा का अधिक लाभ महायुति को नहीं मिल पाया। इसलिए अण्णा हजारे को भाजपा ने जगाया है। भाजपा दूध नहीं देने वाली गाय को कसाईखाने में भेजने का काम करती है।
छगन भुजबल लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। उन्हें केंद्र से हरी झंडी भी मिली थी। अब यह अपेक्षा थी कि उन्हें पार्टी की ओर से राज्यसभा में भेजा जाएगा, लेकिन अपेक्षा पूरी नहीं हो पाई। इसलिए वे नाराज हैं। महाविकास आघाड़ी एकजुट है। विधानसभा चुनाव में भी बड़ी जीत पाएंगे।