कोषागार: आर्थिक वर्ष के आखिरी दिन जमा हुए सैकड़ों करोड़ के बिल, आधी रात तक जमा हुए बिल
- 31 मार्च को जिला कोषागार कार्यालय में आधी रात तक बिल स्वीकारे गए
- 100 विभागों के लगभग 650 बिल स्वीकारे
- ग्रैंट मंजूरी के बाद इनका भुगतान इसी आर्थिक वर्ष के खर्च के रूप में होगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. आर्थिक वर्ष 2023-24 के आखिरी दिन 31 मार्च को जिला कोषागार कार्यालय में आधी रात तक बिल स्वीकारे गए। राज्य सरकार के अधीन आने वाले करीब 100 विभागों के लगभग 650 बिल स्वीकारे गए। ग्रैंट मंजूरी के बाद इनका भुगतान इसी आर्थिक वर्ष के खर्च के रूप में होगा।
सरकार की तरफ से विभिन्न विभागों को प्रोजेक्ट, निर्माणकार्य व अन्य कार्यों पर खर्च करने के लिए निधि आवंटित की जाती है। अगर यह निधि 31 मार्च तक खर्च नहीं हुई, तो सरकार को वापस चली जाती है। नागपुर जिले में राज्य सरकार के अधीन आने वाले करीब 100 विभागों की तरफ से खर्च के बिल कोषागार कार्यालय में जमा करने का सिलसिला आधी रात तक जारी रहा।
कोषागार कार्यालय में बिल स्वीकार करने के लिए एक काउंटर शुरू किया गया था। वैसे तो सारे बिल ऑनलाइन ही आते हैं, लेकिन इसकी एक हार्ड कापी कोषागार में जमा करनी होती है। इस हार्ड कॉपी के आधार पर ऑनलाइन पेश किए गए बिलों का आडिट होता है और इस बिल को इसी आर्थिक वर्ष के खर्च के रूप में मान्यता दी जाती है।
ऑनलाइन प्रक्रिया, फाइलों का अंबार नहीं
31 मार्च को आधी रात तक विभिन्न विभागों के लगभग 650 बिल यानी सैकड़ों करोड़ के बिल यहां स्वीकार किए गए, इस तरह सैकड़ों करोड़ के खर्च को मान्यता मिल गई। बिल का भुगतान विभाग व ऑफिस के बैंक खाते या सीधे संबंधित के बैंक खाते में होगा। आखिरी दिन होने से बिल आने का सिलसिला सुबह से देर रात तक जारी रहा।
काेषागार कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी आधी रात तक कार्यालय में ही डटे रहे। सारा कामकाज ऑनलाइन होने से अब पहले जैसा फाइलों का अंबार नहीं लगता। ऑनलाइन ही बिलों को देखा जाता है।