स्मृति दिवस: फिक्स टर्म एम्प्लाइमेंट के नाम पर ठेकेदारी को बढ़ावा

भाई बर्धन के 8वें स्मृति दिवस पर कार्यक्रम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-04 06:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कामगार नेता मोहन शर्मा ने कहा कि भाई बर्धन ने कठोर परिश्रम से कोयला कामगार, बैंक कर्मचारी, बिजली कर्मचारी, औद्योगिक कामगार, आदिवासी, किसान सभा आदि संगठन स्थापन कर उनके हितों की लड़ाई लड़ी। उनके प्रयासों से कामगारों को हितों संवर्धन की राह मिली। मौजूदा केंद्र सरकार ने 29 कामगार कानून एकतरफा बदल दिए। देश के कामगार संगठन ठेकेदारी पद्धति के विरोध में आवाज उठा रहे हैं। वहीं सरकार ने फिक्स टर्म एम्प्लाइमेंट के नाम पर ठेकेदारी को बढ़ावा दिया है। देश के सर्वांगीण विकास में सहभागिता निभानेवाले सार्वजनिक उद्योगों को खुलेआम नीलाम किया जा रहा है। 

व्यवस्था के विरोध में लड़ने का आह्वान किया : भाई बर्धन के 8वें स्मृति दिवस पर परवाना भवन में आयोजित कार्यक्रम वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कामगार, कर्मचारी, किसान, खेतीहर मजदूर, असंगठित कामगारों को सरकार की नीतियों से अवगत कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। कामगार संगठनों के पदाधिकारियों से एकजुट होकर व्यवस्था के विरोध में लड़ने का आह्वान किया। दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी निष्ठा का कोई जोड़ नहीं है। उपराष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम सामने आने पर पार्टी और कामगार आंदोलन के लिए उन्होंने उपराष्ट्रपति पद के प्रस्ताव पर असहमति दर्शाई। उनके विचारों के कुछ अंश भी अपना सके तो उनके स्मृति िदवस का आयोजन सार्थक होगा। डॉ. श्रीनिवास खांदेवाला ने भाई बर्धन के जीवन के विविध पहलुओं पर रोशनी डाली। परवाना मेमोरियल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डी. एस. बुचे ने कहा कि परवाना भवन की इमारत भाई बर्धन की वजह से शहर के मध्य खड़ी है। कामगार और सामाजिक कार्यों के लिए अधिकार की जगह उपलब्ध हुई है। आयटक के जिला सचिव सी. एम. मौर्य ने प्रस्तावना रखी। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी नागपुर जिला सचिव अरुण वनकर ने आभार माना

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