नागपुर: महिला दिवस पर स्वास्थ्य जांच के बाद निःशुल्क औषधियों के वितरण से मिला लाभ

  • इस अवसर पर 250 महिलाओं को मुफ्त स्वास्थ्य जांच का लाभ मिला
  • महिला सशक्तिकरण के लिए सुन्याती केंद्र की गतिविधियां
  • पांच दिनों की मुफ्त आयुर्वेदिक दवा भी प्रदान की गई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-09 10:14 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के मौके पर मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस वर्ष का विषय महिलाओं की प्रगति में तेजी लाना है। चयनित थीम लैंगिक समानता की दिशा में तेजी लाने के लिए महिलाओं की शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, स्वास्थ्य देखभाल और नेतृत्व विकास में निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है।

त्रैलोक्य बौद्ध महासभा साहक गण और सुनयति इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा संचालित "द सुन्नयती सेंटर फॉर वुमेन डेवलपमेंट" ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 250 महिलाओं को मुफ्त स्वास्थ्य जांच का लाभ प्रदान किया, साथ ही पांच दिनों की मुफ्त आयुर्वेदिक दवा भी प्रदान की गई।


केंद्र प्रमुख धम्मचारिणी सुगतधारिणी और फाउंडेशन के प्रतिनिधि करण जगदम्बे ने उद्घाटन के अवसर पर घोषणा की कि इस केंद्र में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम लागू किए जाएंगे।

पुणे के डीएक्सएन क्लिनिक की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. स्मिता सोनावणे, डॉ. स्नेहा सावंत और नागपुर की डॉ. साधना गेदाम ने महिलाओं के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान कीं। प्रशिक्षु आयुर्वेद चिकित्सकों, श्रृंगाली मेश्राम, तेजस माहुरे, धनश्री कवाडे, अवंती कोटांगले, सिद्दिका फातेमा ने सहायक के रूप में काम किया।


सह-आयोजक "संजीवनी सखी संघ" ने बड़ी संख्या में महिलाओं तक शिविर का प्रचार-प्रसार करने के लिए कड़ी मेहनत की। शिविर के मुख्य आयोजक के रूप में नरेंद्र बोरकर और प्रबंधक के रूप में नीलेश पाटिल के साथ-साथ फाउंडेशन की महिला स्वयंसेवक और आयोजक सपना अवनकर, सुनंदा पोपटकर ज्योति पाटिल, शिल्पा जी, अंकिता खोंडे, श्रद्धा पारधी, मनीषा बौद्ध, अंजलि इंगले थीं। कल्पना मेश्राम, वंदना देशभ्रतार'' और विभा गजभिए ने कार्यक्रम को सफल बनाया। 

आपको बतादें हर साल 8 मार्च को International Women’s Day मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक समानता दिलवाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन महिलाओं को सामाज में समानता का अधिकार दिलवाना है, ताकि वे अपने हक के प्रति जागरूक बनें।


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