अनदेखी: नागपुर मनपा की उपेक्षा से 3 सौ करोड़ के सौंदर्यीकरण का बुरा हाल, जानिए कैसे
- अब नजर नहीं आता मोगली का शेर खान के साथ युद्ध
- 70 लाख से ढंके नाले अब बेहाल
- ठेका एजेंसियों ने वैकल्पिक पौधारोपण भी नहीं किया
डिजिटल डेस्क, नागपुर. पिछले साल 20 एवं 21 मार्च को शहर में जी-20 अंतर्गत सिविल-20 की बैठक हुई था। इस बैठक के मद्देनजर राज्य सरकार से करीब 300 करोड़ की राशि से सड़क के साथ आकर्षक सौंदर्यीकरण कराया गया था, लेकिन अब इन स्थानों के बुरे हाल हैं। नरेन्द्र नगर पुल के समीप लाखों रुपए खर्च कर सुंदर पार्किग बनाई गई थी, लेकिन अब इस पूरे पार्किंग इलाके में अवैध पानठेले और खाद्य सामग्री के ठेले लग गए हैं। इतना ही नहीं, फ्लायओवर के नीचे अब अवैध रूप से झोपड़ियां भी बन गई हैं। यह झोपड़ी वाले पुल के नीचे आग जलाकर खाद्य सामग्री बनाते हैं, लेकिन धंतोली जोन के अभियंता और मनपा कार्यालय को सूचना देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
ठेका एजेंसियों ने वैकल्पिक पौधारोपण भी नहीं किया
सी-20 की बैठक के मद्देनजर करीब 9 करोड़ रुपए की लागत से आकर्षक रोशनाई और 45 करोड़ रुपए की लागत से शहर के चौराहों, रास्तों और फुटपाथों पर हरियाली के लिए पौधारोपण किया गया था। वर्धा रोड पर करीब 5.7 किमी क्षेत्र में होटल प्राइड, मेट्रो स्टेशन परिसर, एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार, रास्तों के सभी इलाके का समावेश कर कृत्रिम और आकर्षक प्रतिकृतियां बनाई गई थीं। पारंपारिक कलाकृति निर्माण, टाइगर कैपिटल, ट्रैंगल बैट, कमलदल में जी-20 प्रतीक चिह्न समेत कलाकृतियों को साकार किया गया। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट के आगमन द्वार की 2 हजार वर्गफीट की दीवार पर अनूठी कलाकृतियां भी बनाई गई थीं। शहर के रोड डिवाइडर के अलावा कई अन्य इलाकों में हरियाली को साकार किया गया। असम से लाई करीब 200 फीट से अधिक हरी घास, राजमुंद्री से पाम और कोलकाता से फाक्सटेल पाम के पेड़ भी लाएं गए थे। पुणे के अलावा सोलापुर से बकुल के बड़े पौध भी लाकर लगाए गए थे। अब इन पौधों के अवशेष भी नजर नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं, कामों को पूरा करने वाली ठेका एजेंसियों ने पौधे खराब होने पर वैकल्पिक पौधारोपण भी किया है।
अब नजर नहीं आता मोगली का शेर खां के साथ युद्ध : छत्रपति चौक पर महाराजा की प्रतिमा के साथ हाथी, 3 घोड़े और 25 से अधिक मावलों की प्रतिकृति बनाई गई थी। इस प्रतिकृति में महाराज के किले से निकलकर गांव तक पहुंचने के दृश्य को साकार किया गया। महिलाओं की ओर से महाराज का स्वागत करने के साथ ही भव्य दीप प्रज्वलन भी साकार किया गया। वर्धा रोड पर एक चौराहे पर कार्टून फिल्म मोगली का शेर खान के साथ अंतिम युद्ध को साकार किया गया था, जबकि साऊथ एयरपोर्ट स्टेशन के समीप गोंड राजे के कार्यकाल में पारंपारिक व्यवसाय और कृषि व्यवसाय के दर्शन की प्रतिकृति भी बनाई गई, लेकिन प्रतिकृतियों पर धूल और गंदगी के अंबार लग गए हैं। नियमित रूप से देखभाल और सफाई नहीं होने से बुरी स्थिति में नजर आ रहे हैं।
70 लाख से ढंके नाले अब बेहाल
सी-20 के दौरान शहर के बेहद गंदे नालों को छिपाने के लिए करीब 70 लाख रुपए खर्च किए गए थे। वर्धा रोड पर जयप्रकाश नगर, एयरपोर्ट चौक, मनीष नगर फ्लायओवर, जीरो माईल मेट्रो स्टेशन से इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस तक के रास्ते के नाले और जिला न्यायालय परिसर के नाले को शामिल किया गया था। इन नालों की गंदगी को छिपाने के लिए हरी घास की चादरों को लगाकर आकर्षक प्रतिकृति बनाई लगाई गई थी। इसके लिए करीब 4 एजेंसी के माध्यम से 70 लाख रुपए का खर्च किए गए थे, लेकिन अब एक भी नाले पर सुंदरता के आवरण नजर नहीं आ रहा है। हैरानी यह है कि, ठेका एजेंसियों और प्रशासन ने देखभाल और दुरूस्ती को लेकर कोई प्रयास नहीं किया है। प्रशासन का तर्क है कि, प्रतिकृतियों और ग्रीन मैट को नागरिकों ने चोरी कर लिया है।
नियमित रूप से देखभाल
राजीव गायकवाड़, मुख्य अभियंता, मनपा के मुताबिक शहर में सी-20 के दौरान सौदर्यीकरण और हरियाली को देखभाल करने का प्रयास किया जा रहा है। उद्यान विभाग से कई स्थानों पर वैकल्पिक पौधारोपण भी पूरा कराया गया है। साथ ही रास्तों को लेकर भी सर्वेक्षण किया गया है। संबंधित विभागों से एक बार फिर से सर्वेक्षण कराकर दुरूस्ती कराने का प्रयास होगा।