Nagpur News: बघेल ने कहा - लोकसभा के मुद्दे ही विधानसभा चुनाव में भी रहेंगे प्रभावी
- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया
- महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन तय है
Nagpur News : विदर्भ में कांग्रेस के चुनाव प्रमुख व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन तय है। उन्होंने कहा-लोकसभा चुनाव के मुद्दे ही विधानसभा चुनाव में प्रभावी रहेंगे। तोड़-फोड़ की राजनीति को महाराष्ट्र की जनता ने बर्दाश्त नहीं किया। ईडी, सीबीआई के दुरुपयोग और पैसों से सरकार व दलों को तोड़ना भी लोगों को पसंद नहीं है। सीट साझेदारी को लेकर महाविकास आघाड़ी में सहमति नहीं बन पाने के विषय पर उन्होंने कहा कि सीट साझेदारी में कई बार कुछ समझौते करने ही पड़ते हैं, लेकिन महाविकास आघाड़ी में अधिकतर सीटों पर सहमति है।
विचारों की राजनीति
मंगलवार को दैनिक भास्कर के संपादकीय सहयोगियों से बघेल ने चर्चा की। कांग्रेस व महाविकास आघाड़ी में बगावत के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई सीटों पर असंतुष्टों को चुनाव लड़ने से रोकने व मनाने में आघाड़ी सफल हुई है। विचारों की राजनीति के मामले में महाराष्ट्र आदर्श रहा है। यहां महात्मा फुले, शाहू महाराज, बाबासाहेब आंबेडकर से लेकर कई महापुरुष हुए हैं। सावित्री फुले ने नारी सम्मान का अभियान चलाया। लिहाजा महाराष्ट्र में जनता प्रलोभनों से प्रभावित नहीं होगी।
योजनाओं पर तंज
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद लाडली बहन योजना व अन्य योजनाओं को महायुति ने केवल चुनावी लाभ लेने के लिए लाया है। कांग्रेस ने कर्नाटक व तेलंगाना में इस तरह की योजनाएं लायी तो भाजपा उसे रेवड़ी कह रही थी। योजनाओं का विरोध किया गया। अब वही योजनाएं लायी जा रही है। महंगाई पर नियंत्रण नहीं है। गैर भाजपायी सरकार को तोड़ने का प्रयास किया जाता है, लेकिन झारखंड, छत्तीसगढ़ में भाजपा का प्रयास सफल नहीं हुअा था।
महिलाओं को उम्मीदवारी
ईवीएम पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे में जीत के बाद भी परिणाम हारने वाला आने का कारण कुछ और हो सकता है। छत्तीसगढ़ व हरियाणा में जीत के बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अधिक उत्सव नहीं मनाया। छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान बैलेट पेपर से कराने का निर्णय अच्छा रहा है। निकाय संस्थाओं के समान विधानसभा व लोकसभा में भी महिलाओं को अधिक उम्मीदवारी मिलनी चाहिए। महिलाओं ने निकाय संस्थाओं में नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है। जातिगणना से जातियों की स्थिति साफ होगी। यह जाति संघर्ष का विषय नहीं है। चर्चा के समय कांग्रेस सचिव रामकिशन ओझा उपस्थित थे।