नागपुर: उपराजधानी के वायु गुणवत्ता सूचकांक पर पॉलिटेक्निक में जागरूकता सत्र आयोजित
- वायु गुणवत्ता सूचकांक
- वायु गुणवत्ता निगरानी और उपकरण विकास में परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रेरित किया
- जागरूकता सत्र आयोजित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नगर निगम और सरकारी पॉलिटेक्निक के ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग विभाग ने मिलकर वायु गुणवत्ता सूचकांक पर जागरूकता सत्र आयोजित किया। डॉ. समीर तेलंग ने बताया कि यह डीटीएच महानजर को स्वच्छ हवा देने के लिए एनएमसी की प्रतिबद्धता के लिए रखी गई थी। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ. अवारी और वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. तेलंग ने छात्रों को वायु गुणवत्ता निगरानी और उपकरण विकास में परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. अवारी ने छात्रों को बताया कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र वायु प्रदूषण में 20-30% योगदान देता है और इस बात पर प्रकाश डाला कि जीपी छात्रों की भागीदारी के माध्यम से इस पहल में एनएमसी भी सहियोग के लिए तैयार है।
डॉ. तेलंग ने ऋषि-मुनियों द्वारा साझा किए गए पंचत्व वायु, जल, आकाश, अग्नि और भूमि के महत्व का उल्लेख किया। एनएमसी के परियोजना समन्वयक रूपराव राऊत और चंद्रकांत गभाने ने भारत सरकार के मिशन लाइफ और दैनिक जीवन के उदाहरणों के बारे में बताया, कहा कि इसे छात्रों को पानी, बिजली बचाना चाहिए, साथ ही सार्वजनिक बसों का उपयोग करना और पेड़ लगाना चाहिए।
एनएमसी की सलाहकार विशेषज्ञ डॉ. गीतांजलि कौशिक ने "भारतीय शहरों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन" विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को यह भी बताया कि हम प्रतिदिन भोजन और पानी की तुलना में अधिक हवा का उपभोग करते हैं, साथ ही प्रदूषित हवा में सांस लेने से श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। और हमारी जीवन प्रत्याशा को 3 साल तक कम कर देता है।
शासकीय पॉलिटेक्निक नागपुर के प्राचार्य डॉ. मनोज दैगवाने ने नागपुर नगर निगम से अतिथि व्याख्याता की व्यवस्था के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने नागपुर नगर निगम के अधिकारियों के प्रयासों की भी सराहना की। इस मौके पर डॉ. तेलंग के अलावा डॉ. ठाकरे, प्रो. जे.एम.सैयद, डॉ. ठेकेदार ने खास योगदान दिया। डॉ. जी.के. अवारी के मार्गदर्शन में विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजत किया।