नागपुर: आशाकर्मियों ने निकाली पदयात्रा, अपनी मांगों के समर्थन में एकजुट होकर लगाए नारे

  • बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया
  • परिपत्रक नहीं निकाल रही सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-19 10:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. "एकाच नारा - जी.आर. काढा', "आशा की भावनाओं के साथ खेलना बंद करो - बंद करो' आदि नारों के साथ नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत आशा कर्मियों ने पदयात्रा की। केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आंदोलन के आह्वान के समर्थन में नागपुर महानगरपालिका अस्थायी आरोग्य कर्मचारी संगठन (आशा विभाग) के आह्वान पर शहरी "आशा" ने अपनी न्यायोचित मांगों के समर्थन में शुक्रवार को पदयात्रा निकाली। पदयात्रा इंदोरा चौक से निकली तथा कमल चौक, ठक्करग्राम, बारसे नगर होते हुए गोलीबार चौक पहुंची।

बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया

पदयात्रा का नेतृत्व कामगार नेता भाई जम्मू आनंद ने किया। इस पदयात्रा में प्रमुख रूप से रेशमा अडागले, इंदिरा गोटाफोडे, भाग्यश्री फुलाबंदे, देविना रेंड़के, संगीता चौधरी, श्रेया वासनिक, किरण निनावे, सुधा खेड़कर, भारती वर्मा, यमुना टेकाम, संगीता टेकाम, सारिका अवधूत, कुंदा कल्पे, संगीता थूल, दुर्गा हटवार, राजश्री टिपले, पायल खोब्रागडे, सुषमा पारधी, स्वाति सोनवाने, संध्या रहांगडाले, पूर्णिमा चौरे, देवकी रामटेक्कर, मनीषा बीजेवर, शुभांगी थूल, अपर्णा गजभिये, मीना मानवटकर, माधुरी टेम्बेकर, प्रीती खड़से, संगीता नासरे, गीता बाबरे, ज्योति कावरे, पूनम मेश्राम, पूर्णिमा फुलझले, माधुरी फुलझले, आशा घरडे, नंदा निखार, रक्षा कांबले, सुशीला भिवगड़े, संतोष कांबले बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

जनता के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं : इससे यह साफ़ हो जाता है की महाराष्ट्र सरकार को आम जनता खास कर गरीब एवं मेहनतकश जनता के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है। राज्य की कृति समिति के आह्वान पर नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत शहरी आशा भी अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हुई हैं। हड़ताल को सफल बनाने तथा आम नागरिकों को हड़ताल के मुद्दों से अवगत कराने हेतु यूनियन की ओर से पदयात्रा का आयोजन किया गया।

परिपत्रक नहीं निकाल रही सरकार

"आशा" कर्मियों को संबोधित करते हुए कामगार नेता भाई जम्मू आनंद ने कहा कि आशा एवं गट प्रवर्तक संगठन संघर्ष समिति, महाराष्ट्र राज्य के आह्वान पर पूरे राज्य में आशा एवं गट प्रवर्तक 12 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हैं और एक महीने का समय बीत जाने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार निर्णय लेने के बावजूद अभी तक शासन निर्णय का परिपत्रक नहीं निकाल रही है। भाई आनंद ने कहा की महाराष्ट्र सरकार यह जानकर भी कि आशा सार्वजनिक आरोग्य व्यवस्था की रीढ़ है। इसके बावजूद आशा को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर कर रही है। 

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