नागपुर: कोर्ट का रिकार्ड चुराने वाले लिपिक की अग्रिम जमानत याचिका हो गई खारिज
- रिकॉर्ड चुराने वाले आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज
- सरकारी गोपनीय दस्तावेज कानून 3 की धारा के तहत अपराध दर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर. हाईकोर्ट ने सावनेर कोर्ट से धनादेश अनादर मामले का रिकॉर्ड चुराने वाले आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सावनेर कोर्ट की सहायक अधिक्षक राजश्री चिमोटे की शिकायत पर सावनेर पुुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 406,408, 379, 120 समेत सरकारी गोपनीय दस्तावेज कानून 3 की धारा के तहत अपराध दर्ज किया है। मामला दर्ज होने के बाद आरोपी ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
यह है पूरा मामला
इस मामले की जानकारी यह है कि आरोपी हर्षल भोजराज बावणे सावनेर कोर्ट में लिपिक के रूप में कार्यरत है। आरोपी ने सावनेर कोर्ट में सुनवाई वाले धारा 138 के तहत धनादेश अनादर के मामले के मूल दस्तावेजों को चोरी कर आर्थिक लाभ के लिए पक्षकार को दिखाया था। न्यायालय के कनिष्ठ लिपिक पी. एल. पवार को पक्षकार अहमद करीम शेख ने बताया था कि कनिष्ठ लिपिक बावणे ने धनादेश अनादर के दस्तावेज और फाइल दिखाई है। इस मामले में अधीक्षक को जांच के दौरान कई प्रलंबित प्रकरणों के रिकॉर्ड की फाइल्स नदारद मिलीं।
4 अक्टूबर 2023 को कनिष्ठ लिपिक पी एल पवार ने अधीक्षक को दस्तावेजों के चोरी की सूचना दी थी। पूरे मामले में दो मामलों के दस्तावेजों की फाइल्स गायब होने की गोपनीय रिपोर्ट तैयार की गई है। इस मामले में जिला न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश को भी शिकायत भेजी गई है। प्राथमिक जंाच में आरोपी ने फाइल्स चोरी करने का अपराध भी कबूल करने पर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। हाई कोर्ट में याचिका को निरस्त करने के लिए सरकार की आेर से अॅड. हर्षवर्धन धुमाले ने पक्ष रखा।