जांच-पड़ताल: स्टेट जीएसटी : जांच में पकड़ी 3.56 करोड़ रुपए की गड़बड़ी
- पूर्व अधिकारी की लापरवाही हुई उजागर
- कंस्ट्रक्शन कंपनी को लाभ पहुंचाने का मामला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्टेट जीएसटी नागपुर में वरिष्ठ अधिकारी की लापरवाही का आैर एक मामला सामने आया है। अधिकारी की लापरवाही के कारण राज्य सरकार को 3 करोड़ 56 लाख 41 हजार की चपत लग रही थी। मामले की शिकायत वित्त मंत्रालय तक पहुंचने के बाद हरकत में आए स्टेट जीएसटी प्रशासन ने 29 मार्च 2023 को सुधारित आदेश पारित कर ब्याज सहित 3 करोड़ 56 लाख 41 हजार का कर निर्धारण किया है।
सुधारित आदेश पारित : स्टेट जीएसटी नागपुर के तत्कालीन सह आयुक्त वी. डी. कमठेवाड ने मे. श्रीनिवासा कंस्ट्रक्शन नागपुर को लाभ पहुंचाने के आरोपों से संबंधित शिकायत राज्य के वित्त मंत्रालय को प्राप्त हुई थी। 2012-13 व 2013-14 का कर निर्धारण नहीं करने से सरकार काे करोड़ों की राजस्व हानि होने का आरोप लगाया गया था। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई थी। जांच टीम अन्य मामलों के साथ इस मामले की भी जांच कर रही थी। श्री कमठेवाड 30 जून 2022 को रिटायर हुए आैर उनके कार्यकाल में कर निर्धारण व आकारणी नहीं हो सकी थी ।कमठेवाड फिलहाल स्टेट जीएसटी ट्रीब्यूनल के सदस्य हैं। उनकी जगह आए सह आयुक्त डॉ. संजय कंधारे ने 29 मार्च 2023 को सुधारित आदेश पारित किया आैर उसके अनुसार 3 करोड़ 56 लाख 41 हजार (ब्याज सहित) आकारणी की। इस तरह सह आयुक्त डॉ. कंधारे ने सरकार को होने वाली राजस्व हानि संरक्षित कर ली।
31 मार्च को समाप्त हो रहा था समय : 31 मार्च के बाद प्रशासन सुधारित कर निर्धारण नहीं कर सकता था, क्योंकि कर निर्धारण के बाद 5 साल तक ही सुधारित कर निर्धारण किया जा सकता है। मामला 2012-13 व 2013-14 का होने से इसकी मियाद 31 मार्च 2023 को समाप्त हो रही थी।
समिति ने स्पष्ट किया : तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपने निष्कर्ष में स्पष्ट किया कि मे. श्रीनिवासा कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाने के बारे में जो शिकायत मिली थी, उसकी जांच में पाया गया कि सुधारित आर्डर 29 मार्च 2023 को पारित किया गया। कर व ब्याज की आकारणी करने से राजस्व हानि होने से बच (संरक्षित) गई।