हाईकोर्ट: आवारा श्वानों की पशु कल्याण बोर्ड देगा सूचना, अदालत में मध्यस्थता मंजूर
- 4 स्थानों पर तैयार होगी विकास योजना
- आवारा श्वानों की गंभीर समस्या पर जनहित याचिका लंबित
- हाईकोर्ट में मध्यस्थता अर्जी मंजूर
डिजिटल डेस्क, नागपुर. बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ में शहर के आवारा श्वानों की गंभीर समस्या पर जनहित याचिका लंबित है। कोर्ट के आदेश के अनुसार आवारा श्वानों को शहर के बाहर रखने के लिए कुल चार स्थान निर्धारित किए गए हैं। निर्धारित स्थानों पर विकास योजना तैयार करने और आगे की प्रक्रिया के लिए पशु कल्याण बोर्ड ने मध्यस्थता अर्जी दायर की थी। मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड की अर्जी मंजूर की है। इस के चलते निर्धारित स्थानों पर विकास योजना तैयार करने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए अब पशु कल्याण बोर्ड सूचना देगा। खंडपीठ में विजय तालेवार और मनोज शाक्य ने यह जनहित याचिका दायर की है। पिछले साल काटोल के पांच वर्षीय लड़के को आवारा श्वानों ने नोंच-नोंच कर मार डाला था। शहर में आवारा श्वानों का उत्पात जारी है, इसकी वजह से नागरिक परेशान हैं। इसलिए याचिकाकर्तां ने मनपा द्वारा श्वानों को पकड़े जाने के बाद उचित कदम उठाने की भी मांग की है।
महानगरपालिका अधिनियम में शहर के आवारा श्वानों को बंद कर रखने का प्रावधान है। सिर्फ श्वानों की नसबंदी से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसलिए शहर के आवारा श्वानों को बंदी कर रखने की क्या व्यवस्था है इस बारे में कोर्ट ने मनपा से जवाब दायर करने के आदेश दिए थे। साथ ही कोर्ट ने आवारा श्वानों को पकड़कर शहर के बाहर रखने के लिए जगह उपलब्ध कराने के जिलाधिकारी को आदेश दिए थे। शहर में आज 90 हजार आवारा श्वान हैं। इन आवारा श्वानों को पकडकर शहर के बाहर रखने के लिए राज्य सरकार ने दो स्थान निर्धारित किए थे। लेकिन श्वानों को रखने के लिए यह जगह कम पड़ेगी। इसलिए कोर्ट ने जिलाधिकारी को शहर के चारों ओर जगह खोजने के आदेश दिए थे। इसी के तहत पिछली सुनवाई में जिलाधिकारी ने कोर्ट में शपथ पत्र दायर करते हुए शहर के बाहर आवारा श्वानों को रखने के लिए निर्धारित किए गए दुधाबर्डी (रिठी), तिष्टी (बु.), तोंडखैरी में दो ऐसे कुल चार स्थानों की जानकारी दी थी। इस पर कोर्ट ने स्थानीय प्राधिकरण को निर्धारित स्थानों पर विकास योजना तैयार करने के आदेश दिए थे।
मामले पर सोमवार को न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम. एस. जवलकर के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने पशु कल्याण बोर्ड की मध्यस्थता अर्जी मंजूर होने से अब आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदोस मिर्जा और पशु कल्याण बोर्ड की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एड. नंदेश देशपांडे ने पैरवी की।