आंदोलन: आंगनवाड़ी कर्मचारियों को शुक्रवार तक मिला डेडलाइन , प्रशासन सख्त
- ग्रामीण क्षेत्र में 2200 आंगनवाड़ियां बंद पड़ी
- पोषण आहार ताले में बंद
- मांगों को लेकर अड़े आंदोलनकर्ता
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आंगनवाड़ी कर्मचारी 4 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं। 2600 रुपए वेतन, पेंशन, ग्रैच्यूटी लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल कर रही हैं। महिला व बाल विकास आयुक्त के आदेश पर प्रकल्प अधिकारी व पर्यवेक्षकों ने हड़ताली कर्मचारियों को कार्यमुक्ति का नोटिस जारी कर शुक्रवार तक ज्वाइन करने की डेडलाइन दी है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 2200 आंगनवाड़ियां हैं। उसमें से 2000 आंगनवाड़ियों को हड़ताल के चलते ताले लगे हैं।
पोषण आहर वितरण ठप : आंगनवाड़ियों के माध्यम से गर्भवती, स्तनदा माता तथा 6 माह से 6 साल के बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। हड़ताली कर्मचारियों ने आंगनवाड़ियों की चाबियां अपने पास रखने से पोषण आहार ताले में बंद है। 3 से 6 साल के बच्चों को आंगनवाड़ी में पका हुआ आहार दिया जाता है। गर्भवती, स्तनदा माता तथा 6 माह से 3 साल के बच्चों को पोषण आहार घर ले जाने के लिए दिया जाता है। अांगनवाड़ी कर्मचारी हड़ताल पर जाने से पोषण आहार वितरण ठप है। घर ले जाने के लिए दिया जाने वाला जनवरी और फरवरी माह का पोषण आहार वितरण नहीं होने की सूत्रों ने जानकारी दी। एक संगठन हड़ताल से बाहर होने से उस संगठन से जुड़े 200 आंनगवाड़ी कर्मचारी काम पर लौट चुके हैं। उन्हीं आंगनवाड़ियों में पोषण आहार का वितरण नियमित जारी है।
नोटिस मिलने के बाद हुए आक्रामक : सरकार ने अांगनवाड़ी कर्मचारियों की मांगें पूरी करने आश्वासन दिया, लेकिन पूर्ति नहीं करने से हड़ताल जारी है। विभाग की ओर से नोटिस भेजकर शुक्रवार तक ज्वाइन करने की डेडलाइन दी गई है। हड़ताल की भूमिका पर अड़े आंगनवाड़ी कर्मचारी कार्यमुक्ति के नोटिस मिलने पर आक्रामक हो गए हैं।
संविधान चौक में सीटी बजाओ आंदोलन : आयटक संगठन के नेतृत्व में हड़ताल कर रहे आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने अनोखे ढंग से आंदोलन की श्रृंखला शुरू की है। बुधवार को संविधान चौक में सीटी बजाओ आंदोलन किया। गुरुवार 11 जनवरी को भूख हड़ताल और दो दिन में मांगे मंजूर नहीं होने पर राज्यव्यापी जेल भरो आंदोलन करने की कामगार नेता शाम काले ने चेतावनी दी। आंदोलन में सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।