खतरा: अंधाधुंध निर्माण कार्य के चलते बेसा क्षेत्र में निकल रहे सबसे अधिक जहरीले सांप
- टाउनशिप, अपार्टमेंट और घरों के निर्माण से बाहर आ रहे
- मनीषनगर और बेसा क्षेत्र से रोजाना आठ-दस जगह जाते हैं सर्पमित्र
- तत्काल उपचार न मिलने से हो जाती है मौत
डिजिटल डेस्क, बेसा(नागपुर) । बेसा क्षेत्र पहले ग्रामीण में था। अब बेसा नगरपंचायत हो गया है। ऐसे में यहां पर भव्य टाउनशिप, अपार्टमेंट और घरों का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। जिसके चलते खुदाई कार्य बड़े पैमाने पर होने के कारण जमीन के अंदर से विषैले सांप निकलकर लोगों के घरों में पहुंचकर डंसने का खुलासा इस क्षेत्र के सर्प मित्रों ने किया है। विषैले सांपों में कोबरा, घोनस (रसलवाईपर), मण्यार और फुर्से सांपों का समावेश है। जबकि बिना विषैले सांप भी बड़े पैमाने पर पाए जाते हैं। सर्प मित्रों को मनीषनगर और बेसा क्षेत्र से रोजाना आठ-दस कॉल सांप को पकड़वाने के लिए आ रहे हैं। जिसमे सबसे अधिक जहरीले सांप पाए जाने का खुलासा हुआ है। हालांकि बिना विषैली सांपों में धामन, तस्कर, पांधिवाल, कॉमन कुकरी, कवढया आदि सांप भी बड़े पैमाने पर पाए जा रहे हैं।
बंजर जमीन और खेती में सांपों का निवास : सर्पमित्र श्रीकांत अंबरते ने बताया कि बेसा और मनीषनगर क्षेत्र में सबसे अधिक जहरीले सांप निकल रहे हैं। सांप संवेदना के आधार पर अपना जीवन गुजारते हैं। इस क्षेत्र में सबसे अधिक टाउनशिप, अपार्टमेंट और कॉलोनी बन रही हैं। ऐसे में खुदाई कार्य के दौरान सांपों के निवास में बाधा आ रही है। जिसके चलते प्रतिदिन सापों का निकलना बदस्तूर जारी है। इस क्षेत्र में जगह-जगह बंजर जमीन और झुड़पी क्षेत्र होने के कारण सांपों ने यहां अपने बिल बना लिए हैं। खुदाई कार्य के दौरान सांप अधिक निकल रहे हैं। जहरीले सांपों के काटने पर तत्काल इलाज नहीं मिलने पर कई लोगों की मौत भी हुई है।
उजड़ रहे सांपों के बसेरे : बेसा नगरपंचायत और ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहा है। खुदाई के दौरान सांपों के बसेरे उजड़ रहे हैं। परिणाम स्वरूप बिलों से सांप निकलकर निवासी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। खेती परिसर होने के कारण यहां सबसे अधिक जहरीले सांप पाए जा रहे हैं। प्रति दिन आठ से दस कॉल सांप पकड़वाने के लिए आ रहे हैं। सांपों को पकड़कर वन विभाग की मदद से जंगल में छोड़ा जाता है। -गजु पटले, सर्पमित्र बेसा