बेवजह दहशत: अग्निशमन यंत्र को समझा बम, 4 घंटे तक दहशत, प्रशिक्षण और जानकारी को लेकर उठे सवाल
- मैकेनिक से गफलत हुई शुरू
- संदिग्ध वस्तु को बम समझकर डिपो प्रबंधक को बताया
- घबराकर पुलिस को सूचना दी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बम शोधक दस्ते के डॉग शिवा ने बस में लगे अग्निशमन यंत्र को देखकर बम होने का संकेत दिया। इससे सुरक्षा बल और एसटी प्रबंधन सकते में आ गया। दहशत व अफरा-तफरी का माहौल रहा। अंतत: जांच पड़ताल के बाद अग्निशमन यंत्र होने से सभी ने राहत की सांस ली।
खराबी के कारण डिपो में खड़ी की : गडचिरोली डिपो की बस (क्र.एमएच 40 वाई 5097) 1 फरवरी की रात करीब 8 बजे अहेरी,चामोर्शी से नागपुर पहुंची। कुछ खराबी आने के कारण बस को गणेशपेठ मुख्य बस स्थानक परिसर के बगल में वर्कशॉप में खड़ा किया गया। मरम्मत करने वाली टीम ने बस का मुआयना किया तो कुछ खराबी नजर आई। उसके बाद बस को दुरूस्त करने के लिए कुछ सामान मंगवाया गया, जो 5 तारीख को आया। इसी बीच, सावनेर जाने वाली किसी अन्य बस में खराबी आने से उक्त बस को मंगलवार को सावनेर भी भेजा गया।
सीट के नीचे संदिग्ध वस्तु : बुधवार की दोपहर एसटी महामंडल के मैकेनिक को बस में चालक की सीट के नीचे संदिग्ध वस्तु दिखी, जो वास्तव में अग्निशमन यंत्र था। यह यंत्र नया होेने से मैकेनिक उसे नहीं समझ पाया। उसने एसटी महामंडल नागपुर डिपो के प्रबंधक गौतम शेंडे को इसकी जानकारी दी। प्रकरण को गंभीर समझ शेंडे ने गणेशपेठ पुलिस को इसकी सूचना दी। एहतियात के तौर पर गणेशपेठ थाने के निरीक्षक सारंग मिराशी ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी और बम शोधक दस्ता व एटीएस को बुलाया। करीब डेढ़ बजे से शाम के चार बजे तक बम शोधक दस्ता डॉग शिवा और मेटल डिटेक्टर की मदद से बम नुमा वस्तु की जांच-पड़ताल होती रही।
इसलिए अफरा-तफरी : उस दौरान शिवा ने संदिग्ध वस्तु को बम के रूप संकेत दिया। मशीन से भी यही संकेत मिलने से पुलिस बल व एसटी महामंडल में अफरा तफरी व दहशत का माहौल रहा, जबकी जिसे बम समझा जा रहा था, वह रेडमैटिक नामक अग्निशमन यंत्र था। पुणे की ओशियन फायर इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने इसे बनाया है। पुलिस ने घटीत प्रकरण को लेकर पुणे की उक्त कंपनी और गड़चिरोली के डिपो प्रबंधक से बात की। उसका कहना है कि उनके डिपो की सभी बसों में करीब तीन महीने पहले यह यंत्र लगाया गया था। संदिग्ध बम नुमा वस्तु अग्निशमन यंत्र होने से सभी राहत की सांस ली।
पीले रंग का विस्फोटक पदार्थ होने से चकमा खा गया डॉग शिवा : अग्निशमन यंत्र में पीले रंग की विस्फोट सामग्री होने से डॉग शिवा चकमा खा गया और उसने बम होने का संकेत दिया। यह यंत्र आग पर काबू पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आग में फेंकने से यंत्र में मौजूद केमिकल में मामूली विस्फोट होता है और आग पर काबू पाने का काम करता है। बहरहाल अग्निशमन यंत्र को बम समझकर सुराबर्डी ले जाकर नष्ट किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मामूली विस्फोट हुआ है।
चालक को नहीं पता था कि अग्निशमन यंत्र है : घटना के दौरान उक्त बस का चालक शरद फुलकटवार गड़चिरोली में था। पुलिस ने गड़चिरोली डिपो से उसका नंबर लिया और संपर्क किया। उसे भी नहीं पता था कि पुलिस अग्निशमन यंत्र को बम समझ रही है। उसने बस में बम होने के बारे में किसी भी प्रकार की मालूमात होने से इनकार किया। इधर, पुलिस यह कयास लगाती रही कि चूंकि बस नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आई है, इसलिए कहीं यात्रियों समेत बस को उड़ाने की योजना तो नहीं थी।