आरटीआई: आखिर क्यों नहीं छोड़ रहे कारखाने का मोह, अंगद के पांव की तरह अड़े अधिकारी-कर्मचारी
- 30-30 साल से अंगद के पांव की भांति कुंडली मारकर जमे हैं अधिकारी-कर्मचारी
- आरटीआई में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मनपा का कारखाना विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है। तेल के खेल ने अधिकारियों को कुर्सियों से चिपका दिया है। उनसे कुर्सियां नहीं छूट रही हैं। अनेक अधिकारी ऐसे है, जो बरसों से एक ही पद और जगह पर जमे है। न उनका स्थानांतरण होता है और उनके पदों में कोई बदलाव।
नियमानुसार हर तीन साल में स्थानांतरण होना चाहिए। एक खुलासे में पता चला कि अनेक अधिकारी कारखाना विभाग 25 और 30 साल से जमे है। वे अब सेवानिवृत्ति के दौर में पहुंच गए, लेकिन कारखाना विभाग का ‘खाना’ उनसे नहीं छूट रहा है।
आरटीआई में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
इसे लेकर महाराष्ट्र प्रदेश सफाई कामगार महासंघ द्वारा अनेक बार विभाग प्रमुख और मनपा आयुक्त को शिकायत कर शासन परिपत्रक की अवहेलना का आरोप लगाया गया। लेकिन प्रशासन ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद आरटीआई में जानकारी मांगी तो अनेक चौंकाने वाले खुलासे हुए।
आरटीआई में बताया गया कि कारखाना विभाग में करीब 10 अधिकारी हैं, जो सालों से जमे हैं। आडिकणे नामक व्यक्ति 31 साल से इस विभाग में सेवा दे रहे हैं। गायनेर नामक अधिकारी 30 साल से एक जगह बना है। पाठे और रक्षे 26 साल से कारखाना विभाग में है। भोतमांगे, कायरकर, भलावी, कारमोरे 19-19 साल से एक ही पद और जगह बने हैं। ऐसे अनेक कर्मचारियों की फेहरिस्त आरटीआई जानकारी में जोड़ी गई। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इनसे कारखाना का ‘मोह’ क्यों नहीं छूट रहा है। अधिकारियों के एक जगह जमे रहने पर मिली शिकायतों पर राज्य सरकार ने 11 फरवरी 2015 को शासन परिपत्रक जारी किया था।
शासन परिपत्रक में स्पष्ट कहा गया है कि 3 साल के अंतराल पर अधिकारियों के स्थानांतरण किए जाएं। सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देश होने के बावजूद प्रशासन की इन अधिकारी-कर्मचारियों पर मेहरबानी बनी है। महाराष्ट्र प्रदेश सफाई कामगार महासंघ के कार्याध्यक्ष किशोर समुंद्रे ने इस खेल में कई अधिकारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आखिर विभाग की ऐसी कौन सी मजबूरी है, जो वर्षों बाद भी इन्हें हटा नहीं रहा है। अनेक शिकायत के बाद भी इसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
अनुभवहीनों को थमा दिया पोकलेन
महासंघ के कार्याध्यक्ष समुंद्रे ने आरोप लगाया कि जिन वाहन चालकों को पोकलेन का कोई अनुभव नहीं है, ऐसे ड्राइवरों को पोकलेन थमा दिया है। जिन्हें इसका प्रशिक्षण दिया गया है, वे खाली बैठे हैं। मनमाने तरीके से अपने समर्थक वाहन चालकों को पोकलेन व अन्य वाहन चलाने दिए जा रहे हैं। जिससे मनपा को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हो रहा है।