मंथन: आखिर किसके वोटर नहीं निकले, कई राजनीतिक दल अब लगाने लगे कयासी हिसाब

  • प्रयास अधूरे साबित हुए
  • 60% मतदान की थी उम्मीद
  • निष्कर्ष पर पहुंचने में असफल :

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-21 12:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. लोकसभा चुनाव में 54 प्रतिशत मतदान ने राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस-भाजपा को लग रहा है कि जो वोटर नहीं निकले हैं, वह आखिर किसके थे। पार्टियों को विश्वास है कि उन्होंने अपने-अपने वोटरों को घरों से निकालकर वोटिंग कराई है तो आखिर वो कौन है, जिन्होंने वोटिंग नहीं की। इसे लेकर शनिवार को मंथन चला।

प्रयास अधूरे साबित हुए

2024 के में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर कई स्तरों पर प्रयास किए गए। जिला प्रशासन ने सारे काम छोड़कर मिशन डिस्टिंक्शन जैसा अभियान चलाया। कस्तूरचंद पार्क में बच्चों को जुटाने का रिकार्ड भी बनाया। मैराथन से लेकर कई कार्यक्रम किए। राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने-अपने स्तरों पर मतदान बढ़ाने को लेकर प्रयास किए। घर-घर तक नामों की चिट्ठियां पहुंचाई। नाम ढूंढने के लिए हाईटेक तकनीक अपनाई। इसके बावजूद सभी प्रयास असफल साबित हुए।

60% मतदान की थी उम्मीद : उम्मीद थी कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान 60 प्रतिशत तक जाएगा। शुक्रवार को सुबह से शुरू हुए मतदान प्रतिशत और उत्साह को लेकर यह दावा भी किया जा रहा है। ज्यादातर मतदान केंद्रों पर भारी भीड़ भी रही। कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने वोटर को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए गाड़ियों की भी व्यवस्था की थी। ऐसे में सभी का दावा था कि उन्होंंने शत-प्रतिशत वोटर को बाहर निकाला है। मतदाता सूची से नामों का मिलान भी किया।

निष्कर्ष पर पहुंचने में असफल : अब यह समझ से परे है कि वो कौन से वोटर है, जिन्होंने मतदान नहीं किया। इसे लेकर शनिवार को राजनीतिक दल मंथन में जुटे रहे। अभी वे किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में असफल है कि आखिर मतदान प्रतिशत कम क्यों हुआ। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि वे पता कर रहे हैं कि आखिर कौनसे वोटर हैं, जिन्होंने मतदान नहीं किया। हमने शत-प्रतिशत मतदाताओं को बाहर निकालने का प्रयास किया है। अब जिन्होंने नहीं किया, उनकी तलाश की जा रही है। जिसके बाद स्पष्ट होगा कि इसका फायदा-नुकसान किसे होगा।

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