शिक्षा में सेंध: सफाई कामगारों के बच्चों के निवासी स्कूल में फर्जीवाड़ा
- प्रवेश में घालमेल 27 विद्यार्थी फर्जी
- तत्कालीन मुख्याध्यापिका को कारण बताओ नोटिस
डिजिटल डेस्क, नागपुर । समाज कल्याण विभाग द्वारा सफाई कामगारों के बच्चों के लिए संचालित शासकीय निवासी शाला में फर्जी विद्यार्थियों को प्रवेश देने का मामला सामने आया है। निवासी शाला में ऐसे बच्चों को भी प्रवेश देने का खुलासा हुआ, जिनके पास प्रमाण-पत्र नहीं था। जांच में इसका खुलासा होने के बाद सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे द्वारा तत्कालीन मुख्याध्यापिका स्नेहल शंभरकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कोई प्रमाण-पत्र नहीं पेश कर सके : सफाई कामगारों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा उनके बच्चों के लिए निवासी शाला संचालित की जाती है। इस शाला में सफाई कामगारों सहित मेहतर, वाल्मीकि, भंगी, सुदर्शन आदि पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए पालक सफाई कामगार होने का सक्षम प्राधिकरण से प्रमाण-पत्र देना आवश्यक है। किन्तु इन शालाओं में सरकार द्वारा चिह्नित किए गए वर्ग के अलावा अन्य वर्ग के विद्यार्थियों को भी प्रवेश देने की जानकारी थी। इस आधार पर सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे ने प्रकरण की जांच करने के लिए समिति गठित की। समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की। वर्ष 2021-22, 2022-23 व 2023-24 के दौरान 180 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। इसमें 41 विद्यार्थियों के पास सफाई कामगार संबंधित सक्षम प्राधिकरण का पत्र था। 106 विद्यार्थियों के पास अन्य प्रमाण-पत्र थे, जबकि 27 विद्यार्थियों के पास कोई प्रमाण-पत्र नहीं होने का खुलासा हुआ।
वित्तीय अनियमितता का भी खुलासा : वर्ष 2021-22 व 2022-23 में पालक सफाई कामगार होने का प्रमाण-पत्र देने वाले विद्यार्थियों की संख्या कुल प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की तुलना में अत्यंत कम है। मेहतर, वाल्मीकि, भंगी, सुदर्शन आदि वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ 4 होने की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है। प्रवेश प्रक्रिया में सरकारी नीति व नियमावली का पालन न करते हुए क्रियान्वित कर प्रशासकीय व वित्तीय अनियमितता का भी खुलासा रिपोर्ट में किया गया। इस कारण तत्कालीन मुख्याध्यापिका स्नेहल शंभरकर को सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे ने कारण बताओ नोटिस जारी िकया है।