कैंसर पीड़ितों के लिए रहनुमा बनकर आए नागपुर के एक सेवानिवृत्त अधिकारी - अपनी जमा पूंजी से कर दी 1 करोड़ की सहायता
- कैंसर पीड़ितों के लिए रहनुमा बने
- अपनी जमा पूंजी से कर दी 1 करोड़ की सहायता
- मदद के मजबूत हाथ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आज के इस आपाधापी भरे माहौल में जब कोई किसी का नहीं हो पाता, तो कहीं से इंसानियत की एक किरण मानवता का हाथ फिर थाम लेती है। वैसे देखा जाए तो यह भी सत्य है कि अक्सर भगवान उन्हें धन-संपत्ति जरूर देते हैं, जो लोगों की मदद करते हैं। उपराजधानी के नीलेश साठे उन्हीं मददगारों में एक हैं, जिन्होंने अपने जन्मदिन पर कैंसर पीड़ितों के उपचार के लिए नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट को 1 करोड़ रुपए की सहायता की। साठे ने अपनी पेंशन की राशि जमा कर इंस्टीट्यूट को सौंपी है। वे एक विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके अलावा कई स्त्रोतों से भी उन्हें आय होती है। आवश्यकता से अधिक जमा-पूंजी किसी के काम आ जाए और मानवसेवा कर जीवन सफल हो जाए, इसी लक्ष्य काे सामने रख उन्होंने यह कार्य किए हैं। इसलिए उन्होंने अपनी जमापूंजी कैंसर पीड़ितों के लिए सौंप दी। साठे के परिवार में पत्नी व बेटा है। उन्होंने भी इस अच्चे काम के लिए खुशी से अनुमति दी।
कैंसर के इलाज में आने वाला खर्च हर किसी के बस की बात नहीं। आर्थिक लड़ाई भी लड़नी होती है, ऐसे में नीलेश साठे की यह मदद कई मरीजों का जीवन रौशन कर देगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के मुताबिक तंबाकू उत्पादों, अस्वास्थ्य आहार के कारण स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुख कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लंग कैंसर और ब्लड कैंसर हो रहे है। जिनके कारण सबसे अधिक मौतें हो रही है।
डॉक्टर उदय बोधनकर ने कहा कि कैंसर का इलाज पहले से आसान हो गया है। वक्त रहते पता लग जाए, तो कई जानें बच सकती हैं। उन्होंने नीलेश साठे की इस पहल का स्वागत किया है। बोधनकर ने कहा कि जरूरतमंदों को इसका लाभ जरूर मिलेगा।