नागपुर: राष्ट्रीय लोक अदालत में 71 हजार मामलों का निपटारा, 42 करोड़ की कर्ज वसूली
- समझौता राशि 1 अरब 13 करोड़ रुपए, 38 जोड़े फिर मिले
- 42 करोड़ 89 लाख की कर्ज वसूली
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला विधि सेवा प्राधिकरण नागपुर की ओर से पूरे जिले में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी समझौते से 67 हजार 65 और विशेष अभियान के तहत 4 हजार 907 सहित 71 हजार 972 मामलों का निपटारा किया गया। लोक अदालत के कारण संबंधित पक्षों को 1 अरब 13 करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है। जिला न्यायालय, कौटुंबिक न्यायालय, कर्ज वसूली न्यायाधीकरण, सहकार न्यायालय, औद्योगिक एवं श्रम न्यायालय और नागपुर जिले के सभी तालुका न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई थी।जिला व सत्र न्यायालय के प्रमुख जिला न्यायाधीश और जिला विधि सेवा प्राधिकरण नागपुर के अध्यक्ष न्या. डी. पी. सुराणा के हाथों रविवार को लोक अदालत का उद्घाटन हुआ। लोक अदालत भूमि अधिग्रहण, मोटर दुर्घटना दावों और पारिवारिक विवादों के प्रलंबित अदालती मामले सौहार्द्रपूर्ण ढंग से निपटाए गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में पति-पत्नी के बीच के तलाक अौर पारिवारिक वावाद के मामले रखे गए थे, जिनमें से 38 जोड़े आपसी समझौते से फिर एक हुए हैं। लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए जिला न्यायाधीश एम. वी. देशपांडे, जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव न्या. सचिन पाटील, नागपुर जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. रोशन बागडे, अन्य विधिज्ञ, पैनल सदस्य, न्यायालयीन कर्मचारी और विधि स्वयंसेवक ने प्रयास किया।
42 करोड़ 89 लाख की कर्ज वसूली
कर्ज वूसली न्यायाधीकरण के सामने 148 मामले लोक अदालत में रखे गए। उनमें से 81 मामलों में आपसी समझौते से 42 करोड़ 89 लाख की कर्ज वसूली की गई।
मोटर दुर्घटना दावा में 7 करोड़ 43 लाख मुआवजा
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में रखे गये 99 मामलों पर आपसी समझौता किया गया और दुर्घटना पीड़ितों एवं मृतकों के परिजनों को 7 करोड़ 43 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।
428 ट्रैफिक ई-चालान का निपटारा
नागपुर रोड ट्रैफिक विभाग के ट्रैफिक ई-चालान के मामले भी लोक अदालत में रखी गई थी। इनमें से 428 मामलों में वाहन चालकों ने 3 लाख 69 हजार 450 रुपये जुर्माना जमा किया। इसके चलते 428 ट्रैफिक ई-चालान का निपटरा किया गया।
11 परिवार फिर हुए एक जिंदगी में लौटीं खुशियां, आपसी समझौते से मामलों का निपटारा
उधर काउंसलिंग और आपसी समझौते से पारिवारिक विवादों को निपटाया जा सकता है। इसका उदाहरण नागपुर फैमिली कोर्ट में देखने को मिला। रविवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में पारिवारिक विवाद से जुड़े 11 मामलों पर आपसी समझौते से निपटारा किया गया। यह सभी परिवार फिर से एक होने की वजह से उनकी जिंदगी में खुशियां लौटी हैं। प्रमुख न्यायाधीश हितेश गणात्रा के मार्गदर्शन में फैमिली कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। छोटे-छोटे कारणों को लेकर पारिवारिक विवाद के मामले बड़ी संख्या में फैमिली कोर्ट में प्रलंबित हैं। लोक अदालत में 100 मामलों में से 22 मामलों के पक्षकार उपस्थित थे। इनमें से 11 मामलों में आपसी समझौते से निपटारा किया गया। लोक अदालत के पैनल पर निवृत्त न्यायाधीश भावना ठाकर अौर विवाह समुपदेशक एस. पी. जोशी ने काम देखा। सफलता के लिए न्या. एस. ए. मोरे, न्या. मोहम्मद ए. वाय. एच., प्रबंधक उषा नायडू, अधीक्षक जयश्री भांगे, विश्वजीत सुरकार, लघुलेखक विद्या फालके, प्रवीण मेश्राम, सुशील रुसेसरी, विकास भागवतकर, नंदकिशोर मातकर, अंकित फुले, उमेश नेगे ने प्रयास किया।