नागपुर स्टेशन: 3 महीने में किया 583 यात्रियों का उपचार, प्राथमिक उपचार केन्द्र में हुआ इलाज
- प्राथमिक उपचार केन्द्र में किया इलाज
- यात्रियों का बीमार होना लगा रहता
- 202 यात्रियों ने जनवरी में डॉक्टर की मदद ली
डिजिटल डेस्क, नागपुर. रेल गाड़ियों में मीलों का सफर हर किसी को रास नहीं आता है। ऐसे में यात्रियों का बीमार होना लगा रहता है। गत 3 महीने की बात करें तो कुल 583 यात्रियों को डॉक्टर की जरूरत पड़ी है। जिन्हें नागपुर स्टेशन पर चेक कर दवा दी गई है। इसके अलावा 29 यात्री ऐसे भी हैं, जिन्हें दूसरे अस्पताल में भेजने की जरूरत पड़ी, क्योंकि उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी।
प्राथमिक उपचार केन्द्र में किया इलाज
रेल गाड़ी हर किसी की जरूरत है। लंबी दूरी के लिए रेलवे का ही सहारा लिया जाता है। ऐसे में यात्रियों को 2 से 4 दिनों तक एक गाड़ी में सफर करना पड़ता है। ऐसे में विभिन्न स्टेशनों का पानी पीना, खाने का सेवन आदि कारणों से तबीयत बिगड़ जाती है। पहले इन यात्रियों की तबीयत खराब होने पर इन्हें दवा तक नसीब नहीं होती थी। लेकिन अब वक्त बदल गया है। मुख्यत: नागपुर स्टेशन की बात करें तो यहां प्राथमिक उपचार केन्द्र खोला गया है, जिसमें यात्रियों का इलाज किया जाता है।
003 महीने में 29 यात्रियों को एडमिट करने भेजा
202 यात्रियों ने जनवरी में डॉक्टर की मदद ली
182 मरीजों को फरवरी में दवा की जरूरत पड़ी
199 मरीजों को मार्च में डॉक्टरों ने चेक किया
बढ़ेंगे मामले
दिन-ब-दिन धूप अपने तेवर दिखा रही है। जिसका असर रेलवे यात्रियों पर पड़ेगा। जानकारों की मानें तो तेज धूप का असर सभी पर पड़ता है। मार्च, अप्रैल की तुलना मई में इसका सबसे ज्यादा परिणाम देखने मिलता है। गर्मियों की छुट्टियां लगते ही ट्रेनों से आवागमन बढ़ जाता है। शादी-ब्याह समारोह या दूर दराज की सैर करने के लिए यात्री रेलवे का सहारा लेते हैं। ज्यादातर यात्री परिवार के साथ सफर करते हैं। ऐसे में छोटे बच्चे भी उनके साथ रहते हैं। ट्रेनें तेज रफ्तार से भले ही यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा रही हैं। लेकिन तेज धूप से गुजरने की वजह से गर्म होती बोगियां यात्रियों के लिए आफत पैदा कर देती हैं। लूं लगने से यात्री बीमार हो जाते हैं।