पुणे: 21 विधानसभा क्षेत्रों ने बढ़ाया निर्वाचन आयोग का टेंशन, 2019 नहीं हुई थी संतोषजनक वोटिंग
- 46 से 55 प्रतिशत ही हुआ था मतदान
- कम प्रतिशत वाले विधानसभा क्षेत्र से टेंशन
- 2019 के लोस चुनाव में नहीं हुई थी संतोषजनक वोटिंग
डिजिटल डेस्क, पुणे। 2019 में संपन्न हुए लोकसभा के आम चुनाव में पुणे जिले के 21 विधानसभा क्षेत्रों में मात्र 49.84 फीसदी मतदान हुआ था। 2024 के आम चुनाव में निर्वाचन आयोग ने इस बात को काफी गंभीरता से लिया है। आयोग ने जिला प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाओं, विद्यालयीन व महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, आंगनवाड़ी सेविकाओं, स्थानीय प्रतिष्ठितों, कलाकारों आदि की मदद से जिले के कम से कम 13 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने का संकल्प लेकर पिछले दो महीनों से काम शुरू कर दिया है।
- 46 से 55 प्रतिशत ही हुआ था मतदान
इन विधानसभा क्षेत्रों में इस बार मतदान प्रतिशत संतोषजनक कराने के लिए जिला प्रशासन व निर्वाचन आयोग की ओर से विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। जिन विधानसभा क्षेत्रों में 2019 में असोतोषजनक वोटिंग हुई थी उनमें मुख्य रूप से पुणे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के शिवाजीनगर, कोथरूड, वडगांव शेरी, पुणे कॅन्टोन्मेंट, पर्वती, कसबा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। इन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 46 से 55 प्रतिशत के बीच वोटिंग हुई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों का आदेश दिया था। इस एक आदेश ने जिला प्रशासन की ‘टेंशन’ बढ़ा दी है। अब पिछले दो महीनों से भी अधिक समय से जिला प्रशासन लगातार इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कवायद में लगा हुआ है।
- 1.5 लाख नए मतदाता शामिल हुए
इस कवायद के तहत सर्व प्रथम मतदाता पंजीकरण पर जोर दिया गया। जिससे अब तक पुणे में करीब 1.5 लाख नए मतदाता बनाए गए हैं। इस बार 20 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के युवा मतदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा पिंपरी, चिंचवड़, भोसरी, खडकवासला, हडपसर विधानसभा क्षेत्रों में भी मतदान कम हुआ था। इसके लिए पिछले कुछ महीनों से यहां विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
- जनजागृति की सबसे मजबूत साधन
मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए सबसे मजबूत साधन जनजागृति ही है। इसी के तहत स्लम क्षेत्रों में महिलाओं के वोटों की संख्या बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं में जनजागृति की जा रही है। प्रशासन की ओर से औद्योगिक कंपनियों के क्षेत्रों में श्रमिकों की काउंसिलिंग की जा रही है। विभिन्न मतदाताओं के घरों अधिकारी व स्वयंसेवक आदि पहुंच रहे हैं। खेतों, ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को पर्यवेक्षकों, आंगनबाडी सेविकाओं ने संबंधितों को मतदान की शपथ दिलाई। गांवों में बैनर और पोस्टर लगाए गए और ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए रैलियां निकाली गईं। सरकारी कार्यक्रमों में मतदान करने की शपथ लेने जैसी गतिविधियां क्रियान्वित की गईं। अब ‘मां, बहन, दादी, भाभी, मौसी वोट करने जाएं’ जैसा अभियान चल रहा है।
- कम प्रतिशत वाले विधानसभा क्षेत्र
वडगांव शेरी 46.44
शिवाजीनगर 46.72
पुणे कैंन्टोन्मेंट 47.88
कोथरूड 49.25
पर्वती 50.40
कसबा 52.21
खडकवासला 50.77
हड़पसर 47.26
पिंपरी 52.77
पुरंदर 53.43
भोर 53.23
दौंड 49.07
मावल 51.08
वड़गांव शेरी की मतदाता आशा सालुंखे के मुताबिक पिछलीबार भी हमने वोट दिया था लेकिन पसंद के उम्मीदवार नहीं होने से बहुत सारी महिलाएं वोट देने नहीं गईं थीं। इस बार हम सभी वोट देने जाएंगी।
शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र के मेडिकल छात्र अतुल वाघ ने कहा कि सरकार हमारी शिक्षा पर ध्यान नहीं देती। अच्छे कालेज में एडमीशन के लिए डोनेशन देना पड़ता है। सरकारी कालेज सभी को नहीं मिल पाता है। हम सबकी नाराजी इसी बात को लेकर थी। अनेक युवाओं ने 2019 के वोटिंग में भाग नहीं लिया था। डोनेशन की समस्या तो आज भी है लेकिन इस साल वोट देंगे।