नागपुर: जिले के स्कूलबाह्य 180 बच्चों को खोजा, स्कूल में दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू

  • स्कूलबाह्य बच्चों की खोज की गई
  • बस्तियों में अभियान चलाया गया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-10 14:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर और जिले में आर्थिक और अन्य कारणों से शिक्षा से वंचित रहने वाले 180 बच्चों की खोज की गई है। इतना ही नहीं, इन बच्चों को स्कूल में दाखिल करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। उल्लेखनीय बात यह है कि, नागपुर जिला विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से यह विशेष अभियान चलया गया। स्कूलबाह्य बच्चों की खोज करने के लिए तीन विधि स्वयंसेवकों की एक विशेष टीम गठित की गई थी।नागपुर के प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधि सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष न्या. डी. पी. सुराणा की मार्गदर्शन में विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव न्या. सचिन पाटील, विधि स्वयंसेवक मुकुंद आडेवार, मुस्लाहीद खान, राजरतन वानखेड़े ने इस महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाया है। इन्होंने जिला परिषद बालरक्षक समन्वयक प्रसेनजीत गायकवाड़ से मुलाकात की और शिक्षा से वंचित बच्चों को खोजने और उन्हें स्कूलों में दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू की है।

शहर में 102, ग्रामीण में 78 बच्चे : अभियान के दौरान नागपुर शहर में 102 और ग्रामीण क्षेत्र में 78 ऐसे कुल 180 शिक्षा से वंचित बच्चों को प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें 55 लड़के और लड़कियां शामिल हैं जो कभी स्कूल नहीं गए और 125 लड़के और लड़कियां जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया। इनमें से 3 लड़के और 2 लड़कियां दिव्यांग हैं।

इस जगह चलाया अभियान

नागपुर शहर और नागपुर ग्रामीण क्षेत्रों की विभिन्न बस्तियों, झुग्गियों, आदिवासी पाड़ों और स्थलांतरित लोगों की बस्तियों में यह अभियान चलाया गया और स्कूलबाह्य बच्चों की खोज की गई।

लड़कियों का अनुपात ज्यादा : सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि शिक्षा से वंचित बच्चों में लड़कियों का अनुपात ज्यादा है। इसलिए शिक्षा से वंचित लड़कियों को शिक्षा दिलाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। साथ ही गरीब एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म एवं शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

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