समिती गठित: असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ई-श्रम की तर्ज पर नए पोर्टल के जरिए मिलेगा लाभ
- निधि व्यवस्था के लिए वित्त विभाग के पास भेजा प्रस्ताव - खाडे
- 39 पेशे से जुड़े 340 प्रकार के मजदूरों को मिलेगा लाभ
- प्रधान सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन
- 39 पेशे के 340 प्रकार के मजदूरों को मिलेगा लाभ
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब एक पोर्टल के माध्यम से मिल सकेगा। राज्य सरकार इसके लिए केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल की तर्ज पर अलग से पोर्टल विकसित करने की तैयारी कर रही है। सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए असंगठित मजदूरों को पोर्टल पर पंजीयन करना पड़ेगा। इसके अंतर्गत 39 पेशे के 340 प्रकार के मजदूरों को शामिल किया गया है।
योजनाएं कब होंगी लागू
शुक्रवार को राज्य के श्रम मंत्री सुरेश खाडे ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि बीते जून में प्रदेश के असंगठित मजदूरों के लिए असंगठित कामगार कल्याण महामंडल बनाने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए काफी निधि की जरूरत पड़ेगी। इस निधि के प्रबंध के लिए वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है। महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याणकारी मंडल में पंजीकृत संगठित मजदूरों की योजनाओं के लिए सेस फंड का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह से असगंठित मजदूरों के लिए निधि का प्रबंध होने के बाद कल्याणकारी योजनाएं लागू कर दी जाएंगी।
योजना लागू करने समिती गठित
श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि असंगठित मजदूरों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए श्रम विभाग की प्रधान सचिव विनिता वेद सिंगल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। यह समिति केंद्र सरकार के असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के प्रावधानों के अधीन राज्य के असंगठित मजदूरों के लिए योजनाएं तैयार करेगी। अधिकारी ने बताया कि यह समिति दिसंबर के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी। नागपुर के शीतकालीन अधिवेशन में इस अधिनियम को मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि अधिनियम पारित होने से असंगठित मजदूरों को लाभ के लिए वैधानिक अधिकार प्राप्त हो जाएगा। अधिकारी ने बताया कि कई विधायक चाहते थे कि महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याणकारी मंडल की सेस का निधि का दायरा बढ़ाकर इसका इस्तेमाल असंगठित मजदूरों के लिए भी किया जाए। मगर सेस की निधि के इस्तेमाल के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश हैं। इसलिए इसका उपयोग असंगठित मजदूरों के लिए नहीं किया जा सकता है। फिलहाल असंगठित मजदूरों को केवल ई- श्रम पोर्टल के जरिए केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता है। साल 2014 की जनगणना के अनुसार राज्य में 3 करोड़ 65 लाख से अधिक असंगठित मजदूर हैं।
39 पेशे के 340 प्रकार के मजदूरों को मिलेगा लाभ
राज्य में ऑटो रिक्शा व टैक्सी ड्राइवर सहित सभी पेशेवर ड्राइवर, कृषि एवं संबंधित उद्योग, पशुपालन, डेयरी व संबंधित उद्योग, घरेलू ड्राइवर और गाड़ी खींचने वाले, पेशेवर ड्राइवर, बीड़ी निर्माण एवं संबंधित उद्योग, पत्रकार एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, मॉल, दुकानों में काम करने वाले, धोबी, रंगमंच और कलाकार सहित विभिन्न प्रकार के 39 पेशे के अलग-अलग आभासी मंडल बनाया जाएगा। इससे 340 प्रकार के असंगठित मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने ऑटो रिक्शा व टैक्सी ड्राइवरों के लिए अलग से बोर्ड बनाने की घोषणा की थी। लेकिन विभिन्न उद्योगों के असंगठित मजदूरों के लिए अलग-अलग बोर्ड बनाने से सरकार के तिजोरी पर काफी भार पड़ेगा। इसलिए 39 पेशे के लिए आभासी मंडल गठित तैयार किया जाएगा। इससे सभी असंगठित मजदूरों को एक ही पोर्टल से लाभ दिया जाएगा।