कल्याण: जब महिला को मौत के मुंह से खींच लाया गया, किडनी की दुर्लभ बीमारी का 18वां मामला

  • जान बचाने के लिए महिला की निकालनी पड़ी किडनी
  • जिंदा रखने के लिए निकालनी पड़ी किडनी
  • किडनी की दुर्लभ बीमारी का 18वां मामला कल्याण में मिला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-31 13:44 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पेट के असहनीय दर्द और उल्टी की शिकायत के लिए अस्पताल में भर्ती हुई महिला की जान जाने का जोखिम बढ़ गया था। डॉक्टरों की कोशिश से इस महिला को मौत के मुंह से खींच कर लाया गया है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने जब जांच की तो महिला किडनी की दुर्लभ बीमारी- एम्फी सेमैटस पाइलोनेफ्राइटिस से पीड़ित पायी गई। इस बीमारी में वह किडनी इंफेक्शन से बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। इसके साथ ही किडनी से ह्रदय तक रक्त आपूर्ति करनेवाली नसें पूरी तरह से गैस से भरी हुई थीं। डॉक्टरों के मुताबिक, डोंबिवली की यह महिला दुनिया में एम्फी सेमैटस पाइलोनेफ्राइटिस से पीड़ित होनेवाली 18वीं मरीज है।

-पेट दर्द से शुरू हुई थी परेशानी, शरीर के अंग हो गए थे फेल

32 साल की मरीज वृषाली माथुरे एक बीमा कंपनी में कार्यरत हैं और डोंबिवली में अपने माता-पिता के साथ रहती हैं। वह काम के सिलसिले में बाहरी इलाकों के दौरे पर थीं। इस दौरे के समय शुरुआत में उन्हेंै पेट में कुछ दर्द महसूस हुआ। हालांकि, घर लौटने के बाद दर्द असहनीय हो गया और उन्हेंक एक स्था।नीय अस्पयताल से कल्याण के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। यूरोलॉजी के कंसल्टे न्टद डॉ. प्रदीप व्यतवहारे ने बताया कि महिला को शरीर बाएं भाग में दर्द था और उल्टी हो रही थी। उन्हें सेप्टिक शॉक भी हुआ था। इसके साथ ही उनका ब्ल्ड प्रेशर कम था, उन्हें बेचैनी हो रही थी। रक्त में शुगर की मात्रा अधिक पाई गई। पहली बार पता चला कि उन्हेंि डायबिटीज है। सीटी स्कैन में महिला ‘एम्फीीसेमैटस पाइलोनेफ्राइटिस’ (ईपीएन) से पीड़ित पाई गई। डॉ. प्रदीप ने बताया कि महिला की किडनी में गंभीर इंफेक्शन हो गया था। महिला का मल्टीैपल ऑर्गन फेलियर हो गया था और दिल अनियमित तरीके से धड़क रहा था।

-जिंदा रखने के लिए निकालनी पड़ी किडनी

इंटेंसिव केयर के कंसल्टेंट डॉ. संदीप पाटील ने बताया कि इस दुर्लभ बीमारी ईपीएन के कारण महिला की जान जाने का जोखिम बढ़ गया था। महिला को जीवित रखने के लिए इंफेक्शन से बुरी तरह से प्रभावित एक किडनी निकालनी पड़ी। महज 24 घंटे के भीतर डॉक्टरों की टीम ने महिला की हालत को स्थिर किया।

-मुझे नई जिंदगी मिली

मरीज वृषाली माथुरे ने कहा कि जब मुझे अस्परताल में भर्ती कराया गया, तब मेरे पेट में तेज दर्द था। मैं सांस भी नहीं ले पा रही थी। समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मेरी सेहत बिगड़ती जा रही थी, लेकिन डॉक्टरों ने मुझे एक नई जिन्द गी दी है।

Tags:    

Similar News