मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की भूमिका पर वडेट्टीवार और बावनकुले में जुबानी जंग

  • मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने का विरोध- शेंडगे
  • वडेट्टीवार और बावनकुले में जुबानी जंग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-05 16:42 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की भूमिका को लेकर राजनीति गरमा गई है। मंगलवार को वडेट्टीवार ने मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की मांग को दोहराया है। जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की मांग पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे के बजाय स्वतंत्र आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। इससे मराठा आरक्षण को लेकर वडेट्टीवार और बावनकुले के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रहा है। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत वडेट्टीवार ने कहा कि मेरी भूमिका मध्यस्थता करने की थी। इसलिए मैंने ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने की मांग की थी। मेरे इस बयान के बाद मुझे राज्य के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने खुद फोन करके समर्थन दिया था। लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बावनुकले आंख में धुल फेंक रहे हैं। इससे मराठा आरक्षण पर भाजपा और सरकार की भूमिका अलग-अलग नजर आ रही है। वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार यदि मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देगी तो ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ाना पड़ेगा। यदि ओबीसी का आरक्षण को नहीं बढ़ाया गया तो हम लोग मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने का विरोध करेंगे। जबकि दादर स्थित मुंबई भाजपा कार्यालय वंसत स्मृति में बावनकुले ने कहा कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देना उचित नहीं होगा। इसके बजाय मराठा समाज को स्वतंत्र रूप से आरक्षण दिया जाना चाहिए।

मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने का विरोध- शेंडगे

दूसरी ओर ओबीसी समाज के नेता तथा पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे ने कहा कि ओबीसी कोटे में मराठा समाज को आरक्षण देने का विरोध है। हम लोग ओबीसी आरक्षण में किसी को भी भागीदार नहीं बनाना चाहते हैं। इसके बावजूद यदि मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देने का फैसला लिया तो ओबीसी समाज के लोग सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। क्योंकि कुनबी जाति प्रमाणपत्र देकर मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण का लाभ देने की बड़ी साजिश चल रही है। जिसको ओबीसी समाज स्वीकार नहीं कर सकता है। शेंडगे ने कहा कि केंद्र सरकार को आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा का बढ़ाने का फैसला करना चाहिए। इससे मराठा समाज के लिए अलग से कोटा तैयार करके आरक्षण दिया जा सकता है।

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