महाराष्ट्र: हर साल 500 किलोटन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य

  • ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य
  • सरकार ने घोषित की महाराष्ट्र ग्रीन हाइड्रोजन नीति

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-17 15:28 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023 घोषित कर दिया है। इस नीति के तहत राज्य में 2030 तक प्रति वर्ष कम से कम 500 किलोटन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता निर्माण करने का लक्ष्य है। मंगलवार को राज्य के ऊर्जा विभाग के उपसचिव नारायण कराड ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना शुरू करने के लिए विकासक को प्रकल्प सुविधा फीस महाऊर्जा कार्यालय में जमा कराना होगा। यह फीस 10 हजार प्रति मेगावॉट इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता के अनुसार होगी। ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं का प्रस्ताव मंजूरी के लिए महाऊर्जा कार्यालय के पास भेजा जाएगा। महाऊर्जा कार्यालय सिफारिशों के साथ संबंधित प्रस्तावों को ऊर्जा विभाग भेजेगा। फिर ऊर्जा विभाग प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी देगा। ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए एकल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना द्वारा प्राप्त ऊर्जा के लिए पारेषण शुल्क और विलिंग चार्ज में 10 सालों के लिए 50 प्रतिशत सहूलियत लागू रहेगी। विद्युत शुल्क में 10 सालों के लिए 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

सीएनजी और पीएनजी नेटवर्क में ग्रीन हाइड्रोजन के मिश्रण पर 5 साल के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को प्रत्येक एक किलो पर 50 रुपए अनुदान दिया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी), स्थानीय निकायों की पहले 500 ग्रीन हाइड्रोजन आधारित फ्यूएल सेल प्रवासी वाहनों को परिवहन विभाग 30 प्रतिशत पूंजीगत व्यफय अनुदान देगा। प्रति वाहन अनुदान अधिकतम 60 लाख रुपए तक दिया जाएगा। राज्य में स्थापित होने वाले पहले 20 ग्रीन हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन के लिए 30 प्रतिशत तक पूंजीगत व्येय अनुदान 4.50 करोड़ रुपए तक मिल सकेगा। ग्रीन हाइड्रोजन नीति को लागू करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक की अध्यक्षता में उच्चाधिकारी समिति गठित की गई है।

इस समिति को तीन महीने में कम से कम एक बार बैठक आयोजित करनी होगी। जबकि नीति को लागू करने के लिए ऊर्जा विभाग की प्रधान सचिव आभा शुक्ला की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति बनाई गई है। इस नीति को लागू करने के लिए महाऊर्जा कार्यालय में स्वतंत्र कक्ष बनाया जाएगा।

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