सफलतापूर्वक प्रक्षेपण: हैम कम्युनिटी रेडियो के लिए नए साल में छात्रों की बड़ी छलांग

  • सोमैया बिलीफ सैट-0 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
  • उपग्रह विकास की दिशा में केजेएसआईटी के विद्यार्थियों की सफलता मील का पत्थर
  • मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसरो और केजे सोमैया कॉलेज का किया अभिनंदन
  • श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी58 के जरिये किया गया प्रक्षेपित

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-02 12:11 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. केजे सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों ने छात्र उपग्रह विकास में वर्ष के पहले दिन ही एक लंबी छलांग लगाई है। कॉलेज के छात्रों ने हैम रेडियो कम्युनिटी के लिए उपयोगी उपग्रह सोमैया बिलीफसैट-0 के निर्माण और प्रक्षेपण में सफलता प्राप्त किया है। सोमवार को सुबह 9.10 बजे श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी58 मिशन के पीओईएम प्लेटफॉर्म पर पेलोड के रूप में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से केजे सोमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केजेएसआईटी) का उपग्रहों की श्रृंखला में यह पहला प्रक्षेपण है। जिसे कॉलेज की न्यू लीप लैब्स टीम ने विकसित किया है। इसे पूरा करने में छात्रों की टीम ने छह वर्षों तक कड़ी मेहनत की। केजेएससीई के प्राचार्य डॉ. सुरेश उक्रांडे ने बताया की हैम रेडियो कम्युनिटी के कम्युनिकेशन के लिए यह काफी उपयोगी है। छात्रों ने सतत मेहनत कर इसे विकसित किया है। बिलीफसैट-0 के प्रक्षेपण से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में छात्रों की भागीदारी के लिए नई संभावनाएं खुली हैं और उपग्रह विकास में भविष्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। केजे सौमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों की इस सफलता पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अभिनंदन किया है।

खुलेंगे भविष्य के द्वार

मिशन के संकाय समन्वयक डॉ. उमेश शिंदे ने बताया कि उपग्रह निर्माण में 20 लाख रुपए का खर्च आया है और इससे छात्रों को और हैम (एचएएम) कम्युनिटी को फायदा मिलेगा। यह कम समय के लिए प्रक्षेपित है, सफल होने पर भविष्य के लिए द्वार खुलेंगे और अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। छात्रों की तकनीकी दिक्कतों को दूर करने में हमारी मदद कई विशेषज्ञों ने की है साथ ही इसरो का हमें भरपूर सहयोग मिला।

सोमैया बिलीफसैट-0 की फाउंडर छात्रा सुप्रिया भिड़े ने बताया कि इसरो के प्रक्षेपण में शामिल होकर खुशी हो रही है। इससे छात्रों की टीम को धैर्य और कैसे कार्य करना है तथा शोध के संबंध में काफी नई जानकारी मिली है। छात्र रोहित बोकाडे के अनुसार हैम रेडियो कम्युनिटी का इस्तेमाल आपदाओं के समय और छात्रों के शोध कार्य में कियाजा सकता है।

हैम रेडियो के लिए बड़ी उपलब्धि

सोमैया बिलीफसैट-0 देश में हैम रेडियो के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसरो की मदद से प्रक्षेपित सोमैया बिलीफसैट-0 का उद्देश्य उस हैम सेट को प्रतिस्थापित करना है, जिसे 2016 में सेवामुक्त (डी कमीशन) कर दिया था। उपग्रह 9.6 डिग्री के झुकाव के साथ 350 किमी की कक्षा में काम करेगा। अपनी इच्छित कक्षा में पहुंचने पर, दुनिया भर के हैम ऑपरेटर पोयम पेलोड चालू होते ही सेवाओं को सक्रिय कर देंगे। यह वैश्विक शौकिया रेडियो प्रयोग करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो इस सोमैया बिलीफसैट-0 के योगदान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

महत्वपूर्ण रहा मार्गदर्शन

इस मिशन की सफलता का श्रेय कॉलेज के पदाधिकारियों, सोमैया ट्रस्ट के समर्थन को जाता है। सोमैया विद्या विहार के अध्यक्ष समीर सोमैया की प्रतिबद्धता से मिशन के संकाय समन्वयक डॉ. उमेश शिंदे और केजेएसआईटी के पूर्व प्राचार्य और केजेएससीई के वर्तमान प्राचार्य डॉ. सुरेश उक्रांडे और केजेएसआईटी के प्राचार्य डॉ. विवेक सुन्नपवार सफलता को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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