बॉम्बे हाईकोर्ट: एसआरए को लगी फटकार, बिल्डरों द्वारा झोपड़ी धारकों के किराए नहीं चुकाने की मांगी सही जानकारी

  • जनहित याचिका पर सुनवाई करने के दौरान नया हलफनामा दायर करने का निर्देश
  • एसआरए का झोपड़ी धारकों के किराया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों के प्रोजेक्ट के काम रोकने की नोटिस जारी करने का दावा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-26 15:41 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने झोपड़ी धारकों के बकाया किराए को बिल्डरों के नहीं चुकाने की सही रिपोर्ट नहीं देने पर झोपडपट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए)को फटकार लगाई। अदालत ने एसआए को हलफनामा दायर कर सही रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। एसआरए ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर दावा किया कि झोपड़ी धारकों के बकाया किराए नहीं चुकाने पर 12 बिल्डरों को एसआरए के तहत झोपड़ी धारकों के बनने वाले घर की परियोजनाओं से हटा दिया गया है। जबकि ऐसे ही 23 बिल्डरों की परियोजनाओं को काम रोकने की नोटिस दी गयी है।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील विजेंद्र कुमार राय की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता राय ने दलील दी कि अदालत ने ओमकार डेवलपर्स को पुनर्विकास परियोजनाओं में प्रभावित झोपड़ी धारकों के बकाए रकम को चुकाने का निर्देश दिया था, लेकिन डेवलपर्स ने ज्यादातर झोपड़ी धारकों के बकाया किराए को नहीं चुकाया है। ओमकार डेवलपर्स के बांद्रा (प.) के रिक्लेमेशन, धोबी घाट, महालक्ष्मी, मालाड, घाटकोपर हनुमान नगर, बीकेसी, जोगेश्वरी (पूर्व) और वर्ली समेत 28 परियोजनाएं हैं, जो दस साल से अधिक समय से अधर में पड़ी हुई हैं। इन परियोजनाओं में लगभग 15 से 17 हजार लोग प्रभावित हैं। उनके 250 से 300 करोड़ रुपए किराया बकाया है. इस पर खंडपीठ ने एसआरए की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे से पूछा कि कितनी परियोजनाओं में झोपड़ी धारकों के किराया बकाया है? बिल्डरों के समय पर परियोजनाओं को पूरा नहीं करने पर एसआरए की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत एसआए की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अनिल साखरे के जवाब पर नाराजगी जताई।

एसआरए के डेप्युटी चीफ इंजीनियर रमा मिटकर की ओर से अदालत में दाखिल हलफनामे में दावा कहा गया है कि पिछले साल 31 जनवरी से 4 अप्रैल के बीच 150 एसआरए परियोजनाओं के बिल्डरों को नोटिस जारी कर 15 दिनों में झोपड़ी धारकों के किराए चुकाने का निर्देश दिया गया था। जिन बिल्डरों ने झोपड़ी धारकों के किराए को नहीं चुकाया, उनमें से एसआए के सर्कुलर नंबर 153 के तहत बिल्डरों को परियोजनाओं से हटा दिया गया है। जबकि 23 बिल्डरों को परियोजनाओं के काम रोकने की नोटिस दी गयी है।

पिछले साल नवंबर तक बिल्डरों के पास विभिन्न परियोजनाओं में झोपड़ी धारकों का 741 करोड़ 79 लाख रुपए बकाया था, जिसमें से अब तक बिल्डरों से 152 करोड़ 50 लाख रुपए झोपड़ी धारकों को दिलवाया गया है।

याचिकाकर्ता राय ने एसआए की ओर से पेश हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि एसआरए हर हलफनामे में झोपड़ी धारकों के बकाया किराए को लेकर अलग-अलग आंकड़े देती है। जबकि सच्चाई कहीं इससे अलग है। इस पर खंडपीठ ने एसआरए को 1 नवंबर को अगली सुनवाई तक हलफनामा दाखिल कर पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है?

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