शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता अनिल परब को मिला अंतरिम संरक्षण
- 5 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई
- दापोली साईं रिसॉर्ट धोखाधड़ी का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई. उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री अनिल परब को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली है। अदालत ने उन्हें 5 दिसंबर तक गिरफ्तारी से आंतरिक संरक्षण दिया है। दापोली पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दापोली के साईं रिसॉर्ट धोखाधड़ी मामले में एफआईआर दर्ज की गयी है. इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रहा है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को अनिल परब की याचिका पर सुनवाई हुई। दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास ने खंडपीठ को आश्वासन दिया कि जब तक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक ईडी की ओर से अनिल परब को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 5 दिसंबर को रखी है। याचिका में परब ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने अनिल परब के खिलाफ दापोली पुलिस स्टेशन में दापोली साईं रिसॉर्ट बनाने में अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने परब और दापोली के पंचायत अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. ईडी ने परब को दापोली में साईं रिसॉर्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच करते हुए तलब किया था.
आरोप है कि रत्नागिरी के दापोली में 2017 में मंत्री अनिल परब ने पुणे के रहने वाले विभास साठे से एक करोड़ रुपए में जमीन खरीदी थी. हालांकि उस जमीन का रजिस्ट्रेशन 2019 में किया गया. मंत्री ने बाद में 2020 में केबल ऑपरेटर को 1.10 करोड़ रुपए में जमीन बेच दी. इस दौरान 2017 से 2020 तक उसी जमीन पर दापोली रिसॉर्ट बनाया गया था.