पानसरे हत्या मामला: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अतुलचंद्र कुलकर्णी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में लगाई गुहार- एटीएस ने सौंपी जांच रिपोर्ट
- याचिका में पानसरे हत्या मामले में अदालत के फैसले में याचिकाकर्ता पर की गई टिप्पणी को हटाने की मांग
- न्यायमूर्ति गडकरी ने 2018 में आदेश देने वाले खंडपीठ के पास याचिका की सुनवाई भेजा
- एटीएस ने सौंपी जांच रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शीतला सिंह. महाराष्ट्र कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अतुलचंद्र कुलकर्णी ने कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसरे की हत्या मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया है। याचिका में इस मामले में 10 अक्टूबर 2018 में आए अदालत के एक आदेश से उन पंक्तियों को हटाने की मांग की गयी है, जिसमें उन पर जांच को प्रभावित करने की गंभीर टिप्पणी की गयी है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अतुलचंद्र कुलकर्णी की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया है कि 10 अक्टूबर 2018 के गोविंद पानसरे की हत्या मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें याचिकाकर्ता पर गंभीर टिप्पणी की गयी थी। याचिकाकर्ता ने याचिका में अदालत से उन पर की गई गंभीर टिप्पणी को हटाने की मांग की है। उस समय अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई और विशेष जांच दल (एसआईटी) इतने गंभीर मामले की जांच कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारी कुलकर्णी की ओर से मामले की जानकारी लीक की जा रही है। जबकि राज्य में किए गए अपराध के तार कर्नाटक तक जुड़े है। ऐसे में सीबीआई के हथियार और विस्फोटक जब्ती की जानकारी मीडिया को देना ठिक नहीं है। उन्हें ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। उपलब्धियों का श्रेय नहीं लेना चाहिए। ऐसे वरिष्ठ अधिकारी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले में अदालत में जांच रिपोर्ट पेश की। अभी तक इस मामले में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अदालत ने एटीएस को अगली जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। गोविंद पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में सुबह की सैर के दौरान गोली मार दी गई थी. पानसरे की कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान मौत हो गई. पानसरे हत्याकांड की जांच पहले राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा था। बाद में जांच एटीएस को सौंप दी गयी।