बॉम्बे हाईकोर्ट: सेबी को जनहित में कार्य करने की आवश्यकता, आदेश का पालन नहीं करने के लिए सेबी को फटकारा
- अदालत ने आदेश का पालन नहीं करने के लिए सेबी को फटकार लगाई
- सेबी को जनहित में कार्य करने की आवश्यकता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को सार्वजनिक हित में कार्य करने की आवश्यकता है। अदालत के आदेश का लगातार सेबी द्वारा पालन नहीं होना कल्पना से परे और अस्वीकार्य है। न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा कि सेबी के इस तरह के दृष्टिकोण से निवेशकों के सार्वजनिक निकाय में व्यक्त विश्वास को ठेस पहुंचेगी। अदालत ने अक्टूबर में सेबी को एक कंपनी के अल्पांश शेयर धारकों को कुछ जांच दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। कंपनी और सेबी ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी ने नवंबर में अपील खारिज कर दी थी।
याचिकाकर्ता भारत निधि लिमिटेड के शेयर धारक हैं और उन्होंने कंपनी पर प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सेबी से कई शिकायतें की थीं।तब सेबी ने इसकी जांच शुरू की थी और कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। बाद में एक निपटारा आदेश पारित किया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। याचिकाकर्ताओं का मामला यह है कि उन्हें न तो जांच रिपोर्ट और न ही कोई प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। सेबी द्वारा की जा रही जांच एक दिखावा है। सेबी ने खंडपीठ को बताया कि चूंकि निपटान आदेश रद्द कर दिया गया है, इसलिए वर्तमान याचिकाओं में कुछ भी नहीं बचा है।