मांग: कुरैशी समाज भी आंदोलन की तैयारी में जुटा - आरक्षण की राजनीति और गरमाएगी
- मराठा आरक्षण मिलने तक घर नहीं जाऊंगा- मनोज जरांगे पाटील
- कुछ लोग दिखा रहे ओबीसी आरक्षण कम होने का डर
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश में आरक्षण की राजनीति और गरमाएगी, इसको लेकर मराठा समाज पहले से ही सड़कों पर है, अब कुरैशी समाज ने भी आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की घोषणा की है। मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटील ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को अतिरिक्त आरक्षण मिल रहा है। उन्होंने दावा किया है कि मंडल आयोग ने ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया था, लेकिन बाद में इस सीमा को बढ़ाकर 30 से 32 फीसदी कर दिया गया।
अब मराठा आंदोलन सरकार झेल नहीं पाएगी
मुंबई दौरे पर आए जरांगे पाटील ने बुधवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत में मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की मांग को दोहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार मराठों को कृषि व्यवसाय के आधार पर ओबीसी कोटे से आरक्षण दे सकती है। मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील है कि वे मराठा आरक्षण के लिए विशेष रूप से प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 60 प्रतिशत मराठों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र मिल चुका है। विदर्भ, खानदेश, पश्चिम महाराष्ट्र, कोंकण के अधिकांश मराठों के पास कुनबी प्रमाणपत्र होने के कारण उन्हें ओबीसी आरक्षण मिल रहा है। केवल मराठवाड़ा और दूसरे अंचल के चार-पांच जिलों के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र नहीं मिला है। लेकिन कुछ लोग डर दिखा रहे हैं कि मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिए जाने से ओबीसी का आरक्षण कम हो जाएगा। मैं 22 अक्टूबर को आंदोलन की अगली भूमिका घोषित करूंगा। सरकार को मराठा आरक्षण की मांग को गंभीरता से लेना चाहिए। क्योंकि अब जो आंदोलन होगा उसको सरकार झेल नहीं पाएगी। जरांगे पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण मिलने तक अपने घर पर नहीं जाऊंगा। मैं साल 2024 में चुनाव नहीं लडूंगा। मेरा रास्ता राजनीति क्षेत्र की ओर नहीं है। मराठा समाज को आरक्षण दिलाना मेरा एक ही लक्ष्य है। दूसरी ओर मुंबई मराठा क्रांति मोर्चा के एक पदाधिकारी ने बताया कि हम लोग जरांगे पाटील की मुंबई में सभा आयोजित करने के बारे में विचार कर रहे हैं।
ओबीसी का दर्जा मिला लेकिन सुविधा नहीं
महाराष्ट्र में कुरैशी समुदाय (खटिक समाज) को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल तो किया गया है, लेकिन अब भी वे ओबीसी को मिलनेवाली सुविधाओं से वंचित हैं। बांद्रा स्थित रंगशारदा हॉल में ‘उठ कुरैशी जागा हो, आरक्षण का धागा हो’के बैनर तले एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें हाजी अराफत शेख ने कहा कि हिंदू तबके के खटिक को पिछड़ा वर्ग (एसटी) की सूची में शामिल किया गया है, उसी तर्ज पर मुस्लिम खटिक को भी सुविधाएं मिलनी चाहिए। कुरैशी समुदाय भी अपने अधिकारों के लिए मराठा आरक्षण की तर्ज पर विशाल आंदोलन करने के लिए कमर कस रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा नेता आशीष शेलार और शिवसेना के पूर्व विधायक अर्जुन खोतकर ने भी कुरैशी समुदाय की मांग का समर्थन किया है।