कीमतो में गिरावट: राजस्थान और गुजरात का प्याज बाजार में आने से राज्य के किसानों की मुश्किलें बढ़ी

  • प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से कीमतें घटी
  • प्याज बाजार में आने से राज्य के किसानों की मुश्किलें बढ़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-27 15:51 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। नाशिक में प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में प्याज 5 रुपए प्रति किलो बिक रही है, जिससे राज्य के प्याज के किसान परेशान हैं। इस बार राज्य के प्याज किसानों की मुसीबत राजस्थान और गुजरात से महाराष्ट्र की मंडियों में आई प्याज ने और बढ़ा दी है। जिसकी वजह से प्याज के दाम और कम हो गए हैं। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद किसान प्याज को सीधे खेतों से मंडी लेकर जा रहे हैं लेकिन सही दाम नहीं मिलने के चलते राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि महंगाई बढ़ाने के लिए व्यापारी जिम्मेदार हैं क्योंकि वह किसानों से जिस भाव में फसल खरीदते हैं उससे कम से कम 4 से 5 गुना अधिक दाम में उपभोक्ताओं को बेचते हैं।

राज्य प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि राज्य सरकार ने प्याज के निर्यात पर जो प्रतिबंध लगाया है उसकी वजह से किसान देश के बाहर प्याज नहीं बेच पा रहे हैं। इस बार प्याज की ज्यादा आवक के चलते राज्य की मंडियों में प्याज का भाव गिर गया है। जिसकी वजह से किसानों को उनकी लागत का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है। दिघोले का कहना है कि सरकार उन व्यापारियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है जो किसानों से सस्ते दामों में प्याज खरीद कर उपभोक्ताओं को पांच गुना ज्यादा दाम में बेच रहे हैं। इस राज्य में किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है। लासलगांव मंडी में बुधवार को प्याज बेचने आए एक किसान ने कहा कि प्रति कुंतल प्याज पर खर्च एक हजार पांच सौ आया है लेकिन वह प्याज को 500 रुपए प्रति कुंतल में बेचने को मजबूर हैं। सरकार को किसानों को राहत देनी चाहिए।

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