मुंबई: वायु प्रदूषण की समस्या हुई विकराल, इलाके बने हैं हॉट स्पॉट

  • मुंबई में वायु प्रदूषण की समस्या हुई विकराल
  • चेंबूर, बीकेसी, अंधेरी, मालाड और बोरीवली बने हॉट स्पॉट
  • मनपा की पर्यावरण रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-01 10:45 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान । मुंबई में वायु प्रदूषण की समस्या विकराल होती जा रही है। इसका अंदाजा हाल ही में मुंबई मनपा द्वारा जारी वार्षिक पर्यावरण रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट की मानें तो बीते तीन वर्षों से मुंबई की हवा प्रदूषित होती जा रही है। इसका सबसे ज्यादा असर उपनगरीय इलाकों में देखा जा रहा है। प्रदूषण के मामले में पूर्वी उपनगर का चेंबूर, पश्चिमी उपनगर का बीकेसी, अंधेरी, मालाड और बोरीवली इलाका प्रदूषण का हॉट स्पॉट इलाका साबित हो रहा है।


प्रदूषण का स्तर

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मनपा ने मुंबई में पर्यावरण की स्थिति को लेकर अपनी वार्षिक पर्यावरण रिपोर्ट जारी की है। इस वार्षिक रिपोर्ट में चेंबूर, बीकेसी, मालाड, अंधेरी और बोरीवली इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है। इन इलाकों की हवाओं में प्रदूषक तत्व तय मानक से करीब दो से तीन गुना अधिक पाया गया है। वर्ष 2020-21 में चेंबूर में प्रदूषक कण 2.5 का स्तर 54 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 74 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया। यही हाल बीकेसी का भी रहा। यहां वर्ष 2020-21 में पीएम 2.5 का स्तर 57 था जो वर्ष 2023 में बढ़कर 68 तक पहुंच गया। इसी तरह मालाड, बोरीवली आदि इलाको में प्रदूषक कण स्टैंडर्ड मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक पाया गया है।


प्रदूषण के कारक

मनपा के पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मुंबई की हवा में 71% से अधिक प्रदूषक कणों के बढ़ने का कारण निर्माण परियोजनाओं से निकलती धूल है। जबकि अन्य स्रोत कारखाना, ट्रैफिक आदि है। मुंबई में जो क्षेत्र प्रदूषण के मामले में शीर्ष पर हैं, वहां प्रदूषण के कारण अलग-अलग हैं। बीकेसी में निर्माण कार्य के चलते प्रदूषण का स्रोत धूल है। जबकि चेंबूर में डंपिंग ग्राउंड, केमिकल फैक्टरियां और बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट प्रदूषण के स्रोत हैं। इसी तरह अंधेरी में प्रदूषण का स्रोत औद्योगिक कारखाने और ट्रैफिक है। जबकि मालाड और बोरीवली में निर्माण कार्य और ट्रैफिक की समस्या प्रदूषण का कारण है। इसके साथ ही बोरीवली में औद्योगिक कारखाने भी हैं।


क्या कहते हैं विशेषज्ञ

पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करनेवाले डब्लूआरआई इंडिया के एयर क्वालिटी विशेषज्ञ श्रीकुमार कुमारस्वामी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में मुंबई की वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ी है। स्वच्छ हवा की कार्य योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शहरी प्राधिकरण को अलग-अलग भागीदारों को प्रभावशाली तरीके से शामिल करना होगा। डेटा पर आधारित फैसले, क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए पायलट योजना लागू करने जैसे कदम स्वच्छ हवा योजना को सफल बना सकते हैं।

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