बॉम्बे हाईकोर्ट: गणपति विसर्जन के लिए आरे कॉलोनी में कृत्रिम तालाब बनाने की इजाजत
- अदालत ने धार्मिक भावनाएं आहत हुए बिना कृत्रिम तालाब बनाने का एसजीएनपी की निगरानी समिति को निर्णय लेने का दिया निर्देश
- याचिका में कृतिम तालाब बनाने की मांगी गई थी इजाजत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गणपति विसर्जन के लिए आरे कॉलोनी में कृत्रिम तालाब बनाने की इजाजत दे दी है। किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुए बिना कितना एक कृत्रिम तालाब पर्याप्त होगा या और अधिक कृत्रिम तालाब बनाना होगा। अदालत ने इसका निर्णय संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) की निगरानी समिति को लेने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को पीठ विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) पदाधिकारी राजीव कुमार चौबे की ओर से वरिष्ठ वकील अनिल सिंह, अमोघ सिंह और जीत गांधी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कृत्रिम तालाब बनाकर गणपति विसर्जन की मांग की गई थी। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि एसजीएनपी की निगरानी समिति को लगता है कि अधिक कृत्रिम तालाबों की आवश्यकता होगी, तो आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। अदालत ने कहा कि ये सभी विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार किए जाने वाले मामले हैं। क्या पर्याप्त होगा? वह एक कृत्रिम तालाब हो या छह या दस ट्रक पर लगे टैंक यह सब निगरानी समिति पर निर्भर है। हमारी कोशिश यह है कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। हम समिति से विचार करने और उचित निर्णय लेने के लिए कहेंगे। यदि एक तालाब पर्याप्त है, तो ठीक है, यदि नहीं, तो हम केवल यह कह रहे हैं कि व्यवस्था की जा सकती है। आरे कॉलोनी के सीईओ ने इस साल तीन प्राकृतिक झीलों में गणपति विसर्जन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
सोमवार को याचिकाकर्ता के वकील अनिल सिंह ने खंडपीठ को सूचित किया कि निगरानी समिति ने आरे कॉलोनी में एक कृत्रिम तालाब बना कर गणपति विसर्जन करने का निर्णय लिया है, जहां पिछले बुधवार से विसर्जन किया जा रहा है। बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने अदालत को बताया कि बीएमसी ने आरे कॉलोनी के विभिन्न हिस्सों मे गणपति विसर्जन के लिए छह ट्रक-माउंटेड टैंक भी उपलब्ध कराए हैं।
वकील अनिल सिंह ने कहा कि विसर्जन के लिए लाई जाने वाली गणपति मूर्तियों की संख्या को देखते हुए एक कृत्रिम तालाब पर्याप्त नहीं है। पिछले साल झीलों में विसर्जन की अनुमति के अलावा, सात कृत्रिम तालाब स्थापित किए गए थे। हम अब झीलों में विसर्जन की अनुमति नहीं मांग रहे हैं, लेकिन केवल अतिरिक्त कृत्रिम तालाबों की मांग की जा रही हैं।