उपलब्धि: ब्लड कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए ओरल सस्पेंशन ईजाद
- टाटा अस्पताल की बड़ी उपलब्धि
- दवाई की सही खुराक देने में सहायक
डिजिटल डेस्क, मुंबई. ब्लड कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होनेवाले मर्कैप्टोप्यूरिन नामक दवाई को पाउडर फॉर ओरल सस्पेंशन के रूप में टाटा अस्पताल के डॉक्टरों ने आईडीआरएस लैब्स के सहयोग विकसित किया है। इससे ब्लड कैंसर पीड़ित बच्चों को सही मात्रा में दवा का डोज दिया जा सकेगा। अभी तक पाउडर के रूप में यह दवाई सिर्फ विदेश में उपलब्ध थी। लेकिन टाटा मेमोरियल अस्पताल और एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रेनिंग रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर के डॉक्टरों के चलते अब यह भारत में भी उपलब्ध हो पाई है।
टाटा अस्पताल के क्लीनिकल फार्माकॉलोजी के प्रोफेसर डॉ. विक्रम गोटा ने बताया कि एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल) से ग्रसित बच्चों के लिए मर्कैप्टोप्यूरिन नामक दवाई का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक केमोथेरेपी की दवाई है, जो टैबलेट के रूप में उपलब्ध है। टैबलेट का पावर अधिक होने के कारण बच्चों को इसका डोज देने में दिक्कत होती थी। इसलिए इसे ओरल सस्पेंसन (पाउडर) के रूप में विकसित करने के लिए टाटा अस्पताल के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता के मार्गदर्शन में वर्ष 2018 में काम शुरू किया गया। पांच साल की मेहनत के बाद यह दवाई ओरल सस्पेंसन के रूप में उपलब्ध हो पाई है।
10 हजार बच्चों को होगा लाभ
डॉ. श्रीपद बनावली के मुताबिक यह दवाई ‘प्रिवेल' के नाम से उपलब्ध होगी। इसका फायदा ब्लड कैंसर से पीड़ित 1-10 वर्ष की आयु वर्ग के लगभग 10 हजार बच्चों को हर वर्ष होगा।