वर्चुअल कोर्ट: 579 करोड़ के जुर्माने में महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने वसूले महज 28.78 लाख, टॉप पर दिल्ली

  • जुर्माना वसूलने में दिल्ली के वर्चुअल कोर्ट हैं टॉप पर
  • इससे चालान मामलों की निवारण प्रक्रिया सरल हुई है : मेघवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-19 16:17 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार, देश में वर्चुअल कोर्ट यानी आभासी न्यायालय की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। इस समय देश में 28 आभासी न्यायालय काम कर रहे हैं और इन न्यायालयों के माध्यम से 5.26 करोड़ से अधिक मामलों पर कार्रवाई की गई है। 21 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों के 28 आभासी न्यायालयों द्वारा 579 करोड़ से अधिक का ऑनलाइन जुर्माना वसूला गया है।

30 जून 2024 तक आभासी न्यायालयों द्वारा 5,26,53,142 मामलों पर कार्रवाई की गई है और 56,51,204 से अधिक मामलों में 579.4 करोड़ रूपये का ऑनलाइन जुर्माना वसूला गया है। देश में चल रहे कुल 28 आभासी न्यायालयों में महाराष्ट्र में 2 आभासी न्यायालय काम कार्यरत हैं। इनमें महाराष्ट्र परिवहन विभाग में 30 जून 2024 तक 56,569 मामले आए और इनमें से 55,108 मामलों में कार्रवाई करते हुए 28,78,505 रूपये का चालान वसूला गया तो पुणे यातायात विभाग ने 6,079 मामले पर कार्रवाई करते हुए 1,18,100 रूपये का चालान वसूला है।

जुर्माना वसूलने में दिल्ली के वर्चुअल कोर्ट हैं टॉप पर

मध्यप्रदेश यातायात विभाग में कुल 4,18,526 मामले आए जिनमें से 4,02,171 मामलों पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने लगभग एक करोड़ 64 लाख रूपये का ऑनलाइन जुर्माना वसूला है। ऑनलाइन जुर्माना वसूलने में दिल्ली के आभासी न्यायालय टॉप पर हैं। आभासी न्यायालय दिल्ली (यातायात) ने जहां 177 करोड़ रूपये से अधिक वसूले तो सूचना शाखा दिल्ली यातायात विभाग ने 131 करोड़ रूपये से अधिक के चालान वसूले हैं।

इससे चालान मामलों की निवारण प्रक्रिया सरल हुई है : मेघवाल

केन्द्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि इस समय आभासी न्यायालय केवल यातायात चालान मामलों से संबंधित मामलों पर ही कार्रवाई करता है। इससे न केवल मुकदमेबाजी की लागत कम हुई है, बल्कि यातायात चालान मामलों के निवारण की प्रक्रिया भी सरल हुई है। उन्होंने बताया कि ई-न्यायालय परियोजना चरण-3 के तहत मजबूत डिजिटल अवसंरचना के निर्माण के लिए 1150 अतिरिक्त आभासी न्यायालयों की स्थापना की जानी है, जिसके लिए लंबित वाद विषयों के समाधान में न्यायालयों की सहायता के लिए 413 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।

क्या है वर्चुअल कोर्ट?

वर्चुअल कोर्ट यानी आभासी न्यायालय लोगों के लिए शुरू की गई ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए कोर्ट के चक्कर काटने के बजाय घर बैठे ही चालान भरने का काम किया जा सकता है। इसमें वादी और न्यायाधीश को शारीरिक रूप से अदालत में जाने की जरूरत नहीं होती। इसमें जज भी ऑनलाइन जुड़ते हैं और सुनवाई पूरी करते हैं। वर्चुअल कोर्ट 24 घंटे सातों दिन काम कर सकता है।

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