Mumbai News: अब खतरे से बाहर है गोविन्दा, अपनी ही रिवॉल्वर की गोली से हुए घायल
- अनलॉक होने की वजह से चली रिवॉल्वर-पुलिस
- पैर में लगी गोली, पुलिस ने कई लोगों के बयान किए दर्ज
- हथियार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया लंबी
Mumbai News : बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा मंगलवार को अपनी ही रिवॉल्वर से चली गोली से घायल हो गए हैं। गोली उनके पैर में लगी है। उपचार के लिए गोविंदा अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत स्थिर है। डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। मिली जानकारी के मुताबिक गोविंदा ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर मेज पर रखी थी। रिवॉल्वर में छह गोलियां थीं। पैकिंग प्रक्रिया के दौरान रिवॉल्वर गलती से गिर गई और मिस-फायर हो गई और एक गोली पीछे से उनके पैर में लगी। मुंबई पुलिस के डीसीपी दीक्षित गेडाम ने बताया कि घटना के बाद रिवॉल्वर जब्त कर ली गई है। उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इस मामले में अभिनेता के सुरक्षा गार्ड, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। डाक्टरों की अनुमति के बाद गोविंदा का भी बयान पुलिस दर्ज करेगी। इसके बाद ही साफ होगा कि गोली आखिर कैसे चली। क्योंकि घटना के समय वे अपने कमरे में अकेले थे। इस मामले में पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया है, लेकिन जांच जारी है।
लॉक होने पर फायर नहीं हो सकता
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि अनलॉक होने की वजह से रिवॉल्वर से गोली चल गई। पूर्व आईपीएस अधिकारी पीके जैन ने कहा कि यह घटना इशारा करती है कि रिवॉल्वर अनलॉक थी, जिस कारण मिस-फायर हुआ। रिवॉल्वर लॉक होती है तो उससे फायर नहीं हो सकता।
जानेवाले थे कोलकाता
गोविंदा आज सुबह कोलकाता जाने की तैयारी में थे। उन्हें सुबह 4.45 बजे की फ्लाइट पकड़नी थी। इसके लिए वे घर में अपना सामान पैक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने रिवॉल्वर मेज पर रखी थी।
फौरन अस्पताल पहुंचाया
गोली लगने के बाद घर में मौजूद उनके परिवार और स्टाफ ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उनके पैर से गोली निकाल दी है। गोविंदा ने एक ऑडियो मैसेज जारी कर बताया कि वे ठीक हैं। उन्होंने सलामती की दुआ के लिए अपने फैंस, अपने गुरु और डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।
हथियार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया लंबी
लाइसेंस देते वक्त पुलिस यह देखती है कि आवेदक की जान को कितना खतरा है। लाइसेंस के लिए आवेदन मुंबई पुलिस आयुक्त के पास किया जाता है। पुलिस आयुक्त कार्यालय आवेदन को डीसीपी हेडक्वार्टर (वन) को देता है। वहां से यह अर्जी लाइसेंस ब्रांच को जाती है। सच्चाई जानने के लिए आवेदन स्थानीय पुलिस थाने भी भेजा जाता है। सीनियर पीआई लोकल इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर पुलिस आयुक्त के पास भेजता है। इसके बाद पुलिस आयुक्त फैसला करते हैं कि लाइसेंस जारी करना है या नहीं। लाइसेंस जारी करने से पहले यह भी जांच की जाती है कि आवेदक के पास हथियार रखने के लिए सुरक्षित जगह है या नहीं। यह भी पता किया जाता है कि वह हथियार चलाना जानता है या नहीं।