Mumbai News: चुनावी किस्सा - पुलिस प्रमुख के खिलाफ शिकायत पर खूब हंसे थे सीएम
- पूर्व पुलिस कमिश्नर एम.एन. सिंह से चर्चा
- विधानसभा चुनाव के एक किस्सा का जिक्र
- पुलिस प्रमुख के खिलाफ शिकायत पर खूब हंसे थे सीएम
Mumbai News : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एम.एन. सिंह से सुनील मेहरोत्रा की चर्चा में चुनावी किस्सा सामने आया। 70 के दशक की बात थी। मैं औरंगाबाद का एसपी था, यानी उस जिले का पुलिस प्रमुख। विधानसभा चुनाव हो रहे थे। वोटिंग के एक-दो दिन पहले महाराष्ट्र के एक मंत्री भी औरंगाबाद में थे। वह मेरे पास आए। उन्होंने पांच-छह लड़कों के नाम लिए। बोले, इन्हें अरेस्ट कर लो। मैंने इन लड़कों की पृष्ठभूमि निकाली। पता चला कि ये लड़के शातिर तो हैं, लेकिन इनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। फिर मेरी उत्सुकता यह जानने में हुई कि मंत्री की इन लड़कों की गिरफ्तारी में दिलचस्पी क्यों है? जानकारी मिली कि यह लड़के किसी दूसरी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता हैं। मंत्री को अंदेशा था कि यह अपने-अपने इलाकों में वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं।
मैंने मंत्री को साफ कह दिया कि वह इस तरह तो किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकते। मंत्री नाराज हो गए। बोले, आपकी शिकायत मुख्यमंत्री से कर देंगे। मैं समझा कि मंत्री जी ऐसे ही दम दे रहे होंगे। वोटिंग के दिन मैं शाम को उनके गेस्ट हाउस उनसे मिलने गया। सोचा, अब शायद उनका गुस्सा शांत हो गया होगा, लेकिन मंत्री अभी भी नाराज थे। मंत्री ने मुझसे जो कुछ कहा, उसका कुल सार यह था कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनकी मजाक उड़ा रहे हैं। वो कह रहे हैं कि वह किसी काम के नहीं। जिले का एसपी उनकी सुनता तक नहीं। लेकिन तब तक मुझे अंदाज नहीं था कि वह मेरी मुख्यमंत्री से भी शिकायत कर सकते हैं।कुछ दिनों बाद जब मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण औरंगाबाद आए। उन्होंने मुझे बुलाया और बताया कि मंत्री ने उनकी उनसे शिकायत की है कि जिले का एसपी उनकी सुनता नहीं है। तब मैंने मुख्यमंत्री को असली किस्सा बताया कि मंत्री जी कुछ लोगों को गैरकानूनी तौर पर अरेस्ट करने का दबाव डाल रहे थे। मैंने मना कर दिया। इस पर मुख्यमंत्री खूब हंसे और बोले, तुमने ठीक किया कि मंत्री को इग्नोर किया। बाद में उन मंत्री को भी अपनी गलती का अहसास हुआ, इसलिए जब मैं कुछ साल बाद मुंबई का पुलिस कमिश्नर बना, तो जब कुछ लोगों ने मेरे सम्मान में स्वागत पार्टी की, तो वह पूर्व मंत्री भी आए।
औरंगाबाद में हुए उस विधानसभा चुनाव में एक और रोचक किस्सा हुआ। एक सांसद ने वोटिंग के कुछ दिनों बाद बताया कि उनके समुदाय की कुछ महिलाएं वोटिंग के दौरान बालों में ज्यादा तेल लगाती हैं। जब मैंने इसकी वजह पूछी, तो उन्होंने बताया कि जब एक बूथ पर वोटिंग के बाद महिलाओं के नाखून में इलेक्शन इंक लगाई जाती थी, तो वह महिलाएं नाखून को कुछ सेकेंड के अंदर अपने बालों से रगड़ लेती थीं। नाखून से इंक गायब हो जाती थी। बाद में यही महिलाएं दूसरे बूथ पर फिर वोट देने पहुंच जाती थीं। उन दिनों सीसीटीवी भी नहीं थे और वोट भी ईवीएम से नहीं पड़ते थ्रे। इसलिए जिन महिलाओं के बारे में यह बात पता चली थी, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे।