Mumbai News: धारावी पुनर्वसन परियोजना के लिए बोरीवली में जमीन आवंटित, मदरसों में शिक्षकों के मानधन में बढ़ोतरी
- विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने चुनावी मंत्रिमंडल की जंबो बैठक की
- महाराष्ट्र अनुसूचित जाति आयोग को वैधानिक दर्जा
Mumbai News : महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने चुनावी मंत्रिमंडल की जंबो बैठक की। इस बैठक में कुल 38 फैसले लिए गए। बैठक में धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए बोरीवली तहसील के अक्सा और मालवणी में सरकारी जमीन देने का फैसला लिया गया है। बैठक में यह भी फैसला हुआ कि जैसे ही इस परियोजना में अयोग्य झुग्गी धारकों की संख्या निर्धारित होगी, वैसे ही धारावी पुनर्वसन प्राधिकरण को मुंबई उपनगर कलेक्टर से आवश्यक भूमि की मांग करनी होगी। ताकि लोगों के पुनर्वसन की तैयारियां की जा सके। दरअसल राज्य सरकार ने कुछ महीनों पहले धारावी के लोगों का मुलुंड में पुनर्वसन करने की योजना बनाई थी लेकिन स्थानीय लोगों ने सरकार का विरोध किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने मुलुंड, कांजुरमार्ग, भांडुप और वडाला में अपात्र झुग्गीवासियों को घर देने के लिए जमीन आवंटित की थी। कुछ दिनों पहले मंत्रिमंडल की बैठक में धारावी के झुग्गी पुनर्वसन परियोजना से प्रभावित निवासियों के आवास के लिए मुंबई में 255 एकड़ साल्ट पैन भूमि के उपयोग को मंजूरी दी थी। गौरतलब है कि महाविकास आघाडी के दल अडानी द्वारा किए जा रहे धारावी के पुनर्वसन का विरोध कर रहे हैं।
मदरसों में शिक्षकों के मानधन में बढ़ोतरी
मदरसों में पढ़ाने वाले डी.एड और बी.एड शिक्षकों को दिए जाने वाले मानधन में बढ़ोतरी का फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। डॉ. जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत राज्य के मदरसों में पारंपरिक, धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ गणित, विज्ञान, समाजशास्त्र, हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की जाती है। वर्तमान में डी. एड. शिक्षकों को 6 हजार रुपये मानधन दिया जाता है, इसे बढ़ाकर 16 हजार रुपये किया गया है। इसके आलावा माध्यमिक विषय पढ़ाने वाले बी.ए, बी.एड और बीएससी शिक्षकों का मानधन भी 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये कर दिया गया है।
महाराष्ट्र अनुसूचित जाति आयोग को वैधानिक दर्जा
महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को वैधानिक दर्जा देने वाले अध्यादेश के मसौदे को आज कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। आयोग को वैधानिक दर्जा देने के इस अध्यादेश को विधानमंडल के आगामी सत्र में मंजूरी के लिए पेश करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही इस आयोग के लिए स्वीकृत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 27 पदों को आयोग में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है।