Mumbai News: अंग्रेजी माध्यम और सीबीएसई बोर्ड के जरिए अनुदानित सैनिक स्कूलों की कायापलट होगी

  • स्कूली शिक्षा विभाग ने जारी की नई नीति
  • अनुदानित सैनिक स्कूलों की कायापलट होगी
  • सभी स्कूलों में लड़कियों को भी दाखिला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-10 17:21 GMT

Mumbai News : राज्य के अनुदानित सैनिक स्कूलों के कायापलट के लिए सरकार ने इससे जुड़ी नीति में बड़े बदलाव किए हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादा से ज्यादा बच्चों का राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में चयन हो इसलिए फैसला किया गया है कि सभी सैनिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध होंगे और उनमें सिर्फ अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होगी। राज्य में फिलहाल 38 अनुदानित सैनिक स्कूल हैं लेकिन एनडीए और दूसरी स्पर्धा प्रतियोगिताओं में इन स्कूलों से बेहद कम विद्यार्थियों का चयन हो रहा था। इसलिए इन स्कूलों में सुधार के लिए राज्य शैक्षिक शोध व प्रशिक्षण परिषद के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। रिपोर्ट और इस मुद्दे पर विचारविमर्श के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने 30 सितंबर की बैठक में सुधारों को मंजूरी दी थी। जिसके बाद अब स्कूली शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। महाराष्ट्र मिलिट्री स्कूल चलाने वाले रणजीत सावरकर ने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल अच्छी है और अगर इस पर अच्छी तरह अमल किया गया तो फैसले के सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।

सभी स्कूलों में लड़कियों को भी दाखिला

एनडीए के दरवाजे अब लड़कियों के लिए भी खुल गए हैं इसलिए राज्य के सैनिक स्कूलों में भी अब लड़के-लड़कियां एक साथ पढ़ाई कर सकेंगे। सभी स्कूलों में छठीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के कम से कम दो वर्ग होंगे। इन स्कूलों में अब अलग आदिवासी टुकड़ी नहीं होगी बल्कि हर वर्ग में अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए कम से कम 15 जगहें रखीं जाएंगी। इन विद्यार्थियों को हर महीने 2200 रुपए का भत्ता भी दिया जाएगा। हर वर्ग में 30 से 45 विद्यार्थी हो सकते हैं।

....तो शिक्षक का तबादला

सीबीएसई बोर्ड और अंग्रेजी माध्यम होने के चलते अगर किसी शिक्षक को पढ़ाने में परेशानी हो रही है तो उसका तबादला दूसरे स्कूल में कर दिया जाएगा। स्कूलों की निगरानी के लिए स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने को भी मंजूरी दी गई है। समिति हर पांच साल में इस स्कूलों का जायजा लेने के बाद नीतियों में जरूरी बदलाव करेगी। इसके अलावा सैनिक स्कूलों में सुधार के लिए मंडल भी बनाया जाएगा। इसके अलावा सैनिक स्कूलों की वार्षिक फीस 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने को भी मंजूरी दी गई है।

पीपीपी मॉडल पर सैनिक स्कूल

राज्य के जिन जिलों में फिलहाल सैनिक स्कूल नहीं हैं वहां पीपीपी मॉडल पर स्वयं वित्तपोषित स्कूलों को मंजूरी दी जाएगी। सातारा सैनिक स्कूल और देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंजियन मिलिट्री कॉलेज के मॉडल पर राज्य के सैनिक स्कूल विकसित किए जाएंगे। स्कूलों को अच्छा प्रदर्शन करने पर वार्षिक 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इन स्कूलों के शिक्षकों को भी विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। फिलहाल 38 स्कूलों में 495 वर्गों के लिए शिक्षकों के 1014 पद मंजूर किए गए हैं। विद्यार्थी एनडीए के साथ जेईई और दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें इसके लिए यहां एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अपनाया जाएगा। ग्यारहवीं और बारहवीं के लिए अंग्रेजी, भौतिकी, रसायन, गणित, कंप्यूटर जैसे विषय अनिवार्य होंगे। विद्यार्थियों के दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे होगी और रात 10 बजे वे सो सकेंगे।

Tags:    

Similar News