Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे के 23 साल के युवक को मकोका मामले में दी अग्रिम जमानत

  • अदालत ने टिप्पणी की और मकोका मामले में दी अग्रिम जमानत
  • याचिकाकर्ता के खिलाफ 23 साल की कम उम्र में एक अपराध के लिए मकोका लगाना उसे एक खूंखार अपराधी के रूप में पेश करेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-12-03 17:11 GMT

Mumbai News . बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे के 23 वर्षीय ओमकार टिंगरे को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम(मकोका) के मामले में अग्रिम जमानत दे दी। अदालत ने टिप्पणी किया कि युवक के खिलाफ 23 साल की कम उम्र में एक अपराध के लिए मकोका लगाना उसे एक खूंखार अपराधी के रूप में पेश करेगा। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की पीठ के समक्ष ओमकार टिंगरे की याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ संगठित अपराध गिरोह से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है। सीसीटीवी साक्ष्य से पता नहीं चला कि याचिकाकर्ता अपराध स्थल पर मौजूद था। अभियोजन पक्ष ने अपराध में टिंगरे की कोई भूमिका नहीं बताई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह पलांडे के नेतृत्व वाले संगठित अपराध सिंडिकेट का सदस्य नहीं था। याचिकाकर्ता को सबूतों के अभाव में अग्रिम जमानत दी जाती है। पुणे सेशन कोर्ट ने टिंगरे की अग्रिम याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह गिरोह के प्रमुख के साथ होटल गया था और फिरौती की मांग की थी। वे लगातार गैरकानूनी गतिविधियों में लगे हुए थे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार अखिल उर्फ ब्रिटिश पलांडे के नेतृत्व वाले गिरोह का ओमकार टिंगरे हिस्सा था। 6 सितंबर 2023 को टिंगरे, पलांडे और अन्य आरोपियों के साथ एक फास्ट फूड दुकान पर गए और उसके मालिक को गाली दी। उन्होंने उससे पूछा कि वह होटल चलाने के लिए हर महीने 5 हजार रुपए क्यों नहीं दे रहा है? अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो वे होटल को नुकसान पहुंचाएंगे। जब उसने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो पलांडे कथित तौर पर होटल में घुस गया और उसकी मेज से जबरदस्ती पैसे लेने की कोशिश की। जब वह विरोध किया, तो उन्होंने उसकी सोने की चेन छीन ली और कहा कि उसने चेन ले ली है, क्योंकि उसने उसे पैसे नहीं दिए थे। महिला के अनुसार, पलांडे और टिंगरे ने होटल में तोड़फोड़ की और उनके साथियों ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।

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