विपक्ष के सवाल: विदेशी निवेश में महाराष्ट्र फिर अव्वल, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दावा
- उद्धव गुट ने फडणवीस के आंकड़ों पर उठाए सवाल
- विदेशी निवेश पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दावा
- तीन राज्यों के कुल निवेश से ज्यादा एफडीआई
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। विदेशी निवेश के मामले में महाराष्ट्र नंबर एक राज्य बन गया है। यह दावा गुरुवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में राज्य में 1 लाख 18 हजार 422 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आया है। जो महाविकास आघाडी सरकार की तुलना में बहुत ज्यादा है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून 2023) के दौरान विदेशी निवेश 36 हजार 634 करोड़ रुपए हुआ। जबकि दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 28 हजार 868 करोड़ तक हो पाया। मौजूदा वित्त वर्ष में भी महाराष्ट्र दूसरे राज्यों की तुलना में विदेशी निवेश को आकर्षित करने वाला पहला राज्य बना है। हालांकि फडणवीस द्वारा जारी किए गए आकंड़ों पर शिवसेना (उद्धव) नेता एवं विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सवाल उठाए हैं।
तीन राज्यों के कुल निवेश से ज्यादा एफडीआई
फडणवीस ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की दोनों तिमाहियों को मिलाकर राज्य में कुल 65 हजार 502 करोड़ का विदेशी निवेश आया है, जो तीन राज्यों कर्नाटक, दिल्ली और गुजरात के कुल निवेश से भी ज्यादा है। राज्य में जब आघाडी सरकार थी तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1 लाख 14 हजार 964 करोड़ विदेशी निवेश आया था, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 (शिंदे-फडणवीस सरकार) की तुलना में 3 हजार 458 करोड़ रुपए कम है। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हमारे राज्य की यशस्वी घुड़दौड़ जारी है। विदेशी निवेश करने वाली कंपनियों का महाराष्ट्र पसंदीदा राज्य बन गया है।
भाजपा दूसरे का श्रेय लेनेवाली पार्टी
फडणवीस पर निशाना साधते हुए अंबादास दानवे ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण कठिनाइयों से उभरते हुए भी महाविकास आघाडी के कार्यकाल में राज्य में 1 लाख 14 हजार 964 करोड़ विदेशी निवेश आया था। लेकिन आपकी सरकार में यह आंकड़े डॉलर के मुकाबले गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं। भाजपा की पुरानी आदत रही है कि दूसरों के श्रेय पर अपना नाम लिखना। राम मंदिर के मामले में भी ऐसा हो रहा है और अब राज्य में विदेशी निवेश को लेकर भी यही दावे किए जा रहे हैं।