साइबर क्राइम के खिलाफ कानून और सख्त बनेगा, राज्य गृह मंत्रालय ने केंद्र को भेजे सुझाव

  • राज्य गृह मंत्रालय ने केंद्र को भेजे सुझाव
  • साइबर क्राइम के खिलाफ कानून और सख्त बनेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-09 16:13 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा. देश और राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर नकेल कसने के लिए पहले से ही आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है, लेकिन कड़ा कानून नहीं होने की वजह से अपराधी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त से छूट जाते हैं। इसी को देखते हुए महाराष्ट्र गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को साइबर अपराध के कानून में संशोधन करने के लिए सुझाव भेजे हैं। महाराष्ट्र गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने "दैनिक भास्कर’ को बताया कि लोकसभा के इसी मानसून सत्र में साइबर अपराधों से जुड़े कानून (आईटी एक्ट) में संशोधन किया जा सकता है।

गंभीर धाराएं लगाने का सुझाव दिया

महाराष्ट्र गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपनी जानकारी छिपाकर अपराध करने के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन मौजूदा कमजोर कानून के तहत कम सजा होने के चलते अपराधी जल्द ही जेल की सलाखों से बाहर आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस तरह के अपराधों पर गंभीर धाराएं लगाने का सुझाव दिया है। अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर महापुरुषों के अपमान के मामले सामने आने पर भी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र को कानून में संशोधन के सुझाव भेजे हैं।

अधिकारी ने बताया कि साइबर अपराध को लेकर भारतीय आईटी कानून के तहत कार्रवाई की जाती है। यह अधिनियम केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों से यह कानून कमजोर हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब इस कानून में संशोधन करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी के खिलाफ टिप्पणी करता है, तो उस मामले की जांच इंस्पेक्टर लेवल का अधिकारी ही कर सकता है। ऐसे में बड़े पैमाने पर हो रहे साइबर अपराधों के होने से पुलिस जांच के लिए अधिकारी मौजूद नहीं रहते हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार ने इन सभी संशोधनों को केंद्र के पास भेजा है।

असलम शेख ने विधानसभा में उठाया था मामला

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री असलम शेख ने साइबर अपराध से जुड़ा हुआ सवाल कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र विधानसभा में उठाया था, जिसमें उन्होंने पहचान छिपाकर किए गए अपराधों का जिक्र किया था। शेख ने कहा कि इस तरह के अपराध में कमजोर धाराओं में मामला दर्ज होने के चलते आरोपी बड़ी आसानी से ही पुलिस के शिकंजे में आने से बच जाते हैं।

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