खरीफ की फसल: 50 प्रतिशत की हो सकती है गिरावट, 20 जिलों में बारिश की बेरुखी, मंडरा रहा सूखे का साया
- खरीफ की फसल
- 50 प्रतिशत की हो सकती है गिरावट
- 20 जिलों में बारिश की बेरुखी, मंडरा रहा सूखे का साया
- घटा रकबा, 94 प्रतिशत क्षेत्र में ही हुई बुवाई
- फसलों के रोग से भी घटेगी पैदावार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित यादव। इस साल के मानसून में बारिश की बेरूखी के चलते प्रदेश के 20 जिलों में खरीफ फसलों की पैदावार लगभग 50 प्रतिशत से कम रहने की संभावना है। इसमें अमरावती, अकोला, छत्रपति संभाजी नगर, नाशिक सहित मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र के जिलों का समावेश है। शनिवार को प्रदेश के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि फसलों की पैदावार के लिए पानी की जरूरत है। लेकिन बारिश के अभाव में फसलों का नुकसान हो रहा है, इससे पैदावार 50 प्रतिशत तक कम रहने के आसार हैं।
अधिकारी ने बताया कि राज्य में खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्र 152.97 लाख हेक्टेयर है। लेकिन इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई 143.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही हुई है। यानी औसतन 94 प्रतिशत क्षेत्र में ही बुवाई हुई है। जबकि पिछले साल 101 प्रतिशत बुवाई हुई थी। अधिकारी ने बताया कि राज्य में इस साल मूंग, उड़द, ज्वार और बाजरा के बजाय सोयाबीन फसल की बुवाई अधिक की गई है। बारिश की कमी के साथ-साथ कई जगहों पर धान, सोयाबीन, मक्का, ज्वार, कपास की फसलों पर रोग लग गए हैं। इससे भी उत्पादन पर असर पड़ेगा।
किस विभाग में कितनी बुवाई
राज्य के कोंकण विभाग में खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्र 4.14 लाख हेक्टेयर है। इस साल 3.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानी 93 प्रतिशत बुवाई हुई है। नाशिक विभाग के 20.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से 20.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। नाशिक विभाग में 98 प्रतिशत बुवाई हुई है। पुणे विभाग में खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्र 10.65 लाख हेक्टेयर है। मगर इस बार 11.96 लाख हेक्टेयर यानी 112 प्रतिशत बुवाई है। कोल्हापुर विभाग में 7.28 लाख हेक्टेयर में से 6.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। नागपुर विभाग के 19.15 लाख हेक्टेयर में से 19.52 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। यानी कुल 102 प्रतिशत बुवाई हुई है। अमरावती विभाग में 31.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होती है। इस वर्ष 30.92 यानी 98 प्रतिशत बुवाई हुई है। औरंगाबाद विभाग में 20.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से 20.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानी 98 प्रतिशत बुवाई हुई है। लातूर विभाग में 27.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होती है। इस वर्ष 27.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानी 101 प्रतिशत बुवाई हुई है।
इन जिलों में उत्पादन होगा कम
अधिकारी ने बताया कि राज्य के अमरावती, अकोला, वाशिम, चंद्रपुर, बुलढाणा, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड़, लातूर, परभणी, धाराशिव, हिंगोली, नाशिक, धुलिया, जलगांव, पुणे, अमरावती, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर जिले में खरीफ फसलों का उत्पादन 50 प्रतिशत से कम होने के आसार हैं।
औसत की तुलना में 89 प्रतिशत बारिश
राज्य में 1 जून से 25 सितंबर के बीच हर साल औसतन 974.3 मिमी बारिश होती है। मगर इस साल 25 सितंबर तक 866.9 मिमी यानी औसत के मुकाबले 89 प्रतिशत बारिश हुई है। जबकि पिछले साल 25 सितंबर तक 115.9 प्रतिशत बारिश हुई थी।
केवल 9 जिलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश
राज्य के 9 जिले ठाणे, रायगड, पालघर, नांदेड़, नागपुर, यवतमाल, भंडारा, चंद्रपुर और गडचिरोली में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। 14 जिले छत्रपति संभाजीनगर, रत्निगारी, सिंधुदुर्ग, अहमदनगर, धुलिया, नंदूरबार, जलगांव, जालना, बीड़, हिंगोली, बुलढाणा, वाशिम, वर्धा और गोंदिया में 75 से 100 प्रतिशत के बीच बारिश हुई है। राज्य के 11 जिले अमरावती, परभणी, अकोला, नाशिक, पुणे, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, लातूर, धाराशिव और सोलापुर में 50 से 75 प्रतिशत के बीच वर्षा हुई है।